दिल्ली। प्याज के बढ़ते मूल्यों को थामने के लिए केंद्र सरकार दस हजार मीट्रिक टन प्याज का आयात करेगी । प्याज आयात करने के लिए निविदा जारी कर दी हैं, जो 27 अगस्त, 2015 को खुलेगी।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए, प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य को प्रति मीट्रिक टन 700 अमरीकी डॉलर तक बढ़ाने का फैसला किया है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने प्याज की कमी को पूरा करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और प्याज के मूल्यों की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।
प्याज के मूल्यों बढ़ते मूल्यों पर नियंत्रण बनाने के लिए उठाए गये कदमों की समीक्षा के लिए कृषि मंत्रालय और दिल्ली सरकार के एसएफएसी, नैफेड, एमएमटीसी, वाणिज्य विभाग की एक बैठक आगामी 24 अगस्त को फिर होने जा रही है।
बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए, लघु किसान कृषि व्यवसाय संकाय और नैफेड ने 5857 मीट्रिक टन प्याज खरीदी है। आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों को नियंत्रण में रखने के लिए मूल्य स्थिरता कोष से धन उपलब्ध कराया गया है।
एसएफएसी ने भी दिल्ली सरकार के लिए 2511 मीट्रिक टन प्याज खरीदी है, जिससे उसका कुल प्याज भंडार 8368 मीट्रिक टन हो गया है। एसएफएसी 30 रूपए किलो की दर से सफल को प्याज की आपूर्ति कर रही है और वह इसे 39 रूपए किलो के भाव से उपलब्ध करा रहे हैं।
एसएफएसी डीएमएस के 120 दुग्ध बूथों के माध्यम से 35 रूपए किलों के भाव से प्याज उपभोक्ताओं को बेच रही है। इसके अलावा दिल्ली सरकार के एक फैसले के अंतर्गत 280 उचित मूल्यों की दुकानों पर 40 रूपए प्रति किलो की दर से प्याज की बिक्री की जा रही है, जिसे बाद में घटाकर 30 रूपए प्रति किलो कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार प्याज के मूल्यों में हुई वृद्धि का कारण कुल उत्पादन में कमी है जो वर्ष 2013-14 के 194.02 लाख टन के मुकाबले 2014-15 में 189.23 लाख टन पर आ गया है। इस प्रकार उत्पादन में कुल 4.79 लाख टन की कमी हुई है। इस कमी का प्राथमिक कारण खराब मौसम और बिना मौसम की बारिश रही है जिसका प्रभाव प्रमुख फसलों पर पड़ा है।