संयुक्त राष्ट्र। भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के मामले में अब भी निचले पायदान पर बना हुआ है,लेकिन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के ताजा आंकड़ों में भारत पांच पायदान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर आ गया है।
उल्लेखनीय है कि जीवन प्रत्याशा में सुधार और प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से एचडीआई में भारत की स्थिति सुधरी है। यूएनडीपी के मानव विकास रिपोर्ट 2015 में 188 देशों की सूची में 2014 में भारत 130वें स्थान पर रहा। वर्ष 2013 में देश 135वें स्थान पर था।
रिपोर्ट के साथ जारी एक नोट में कहा गया है कि भारत का एचडीआई मूल्य वर्ष 2014 में 0.609 रहा और 188 देशों एवं क्षेत्रों की सूची में 130वें स्थान रहा है। इसके साथ देश मानव विकास पैमाने पर मध्यम श्रेणी में आ गया है। इसके अनुसार, वर्ष 1980-2014 के बीच भारत का एचडीआई मूल्य 0.362 से बढ़कर 0.609 पर पहुंचा है। यह 68.1 प्रतिशत वृद्धि को बताता है।
औसतन सालाना वृद्धि 1.54 प्रतिशत रही है। सूची में नार्वे पहले स्थान पर है जबकि ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश तथा पाकिस्तान सूची में 142वें और 147वें स्थान पर हैं। ब्रिक्स देशों में भारत सबसे नीचे है।
एचडीआई देश में मूल मानव विकास उपलब्धियों का औसत मापक है। यह मानव विकास के तीन मूल आयामों लंबा और स्वस्थ्य जीवन, ज्ञान तक पहुंच और उपयुक्त जीवन स्तर में दीर्घकालीन प्रगति के आकलन को मापता है।
जन्म के समय जीवन प्रत्याशा वर्ष 2014 में 68 वर्ष रहा जो पिछले 67.6 तथा वर्ष 1980 में 53.9 वर्ष था। प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 2014 में 5,497 डॉलर रही जो 2014 में 5,180 डॉलर तथा 1980 में 1,255 डॉलर थी।वर्ष 1980 से 2014 के बीच देश की प्रति व्यक्ति जीएनआई में 338 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
यूएनडीपी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में वर्ष 2011 से स्कूली पढ़ाई के प्रत्याशित वर्ष 11.7 वर्ष के स्तर पर बने हुए हैं। साथ ही स्कूली पढ़ाई का औसत वर्ष 2010 से 5.4 के स्तर पर कायम है। वर्ष 1980 से 2014 के बीच देश में लोगों का जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 14.1 वर्ष बढ़ी है। वहीं इसी दौरान स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 3.5 साल तथा प्रत्याशित वर्ष 5.3 वर्ष बढ़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत का 2014 का एचडीआई 0.609 मध्यम मानव विकास समूह के देशों के लिये औसतन 0.630 से नीचे है तथा दक्षिण एशिया में 0.607 के औसत से अधिक है। दक्षिण एशिया में बांग्लादेश (142वें) तथा पाकिस्तान (147वें) स्थान पर भारत के करीब ही हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2014 के लिये भारत का एचडीआई मूल्य 0.609 है। हालांकि जब एचडीआई मूल्य से असमानता को हटा दिया जो तो एचडीआई 0.435 मूल्य पर आ जाता है। इस तरह विकास में असमानता के कारण भारत के एचडीआई मूल्य में 28.6 प्रतिशत का नुकसान होता है।
स्त्री-पुरुष विकास सूचकांक (जीडीआई) के मामले में रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के लिये महिला एचडीआई मूल्य 0.525 जबकि पुरुषों के मामले में 0.660 रहा। इससे जीडीआई मूल्य 0.795 रहा। वहीं बांग्लादेश तथा पाकिस्तान में जीडीआई मूल्य क्रमश: 0.917 तथा 0.726 रहा। रिपोर्ट के अनुसार स्त्री-पुरूष असामानता सूचकांक (जीआईआई) के मामले में भारत का जीआईआई मूल्य 0.563 रहा और 155 देशों की सूची में 130वें स्थान पर रहा।