नई दिल्ली। भारत सरकार ने गुरूवार को दृढ़तापूर्वक कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर बलूचिस्तान का मुद्दा तब तक उठाता रहेगा जब तक पाकिस्तान इस क्षेत्र में अत्याचार करना बंद नहीं कर देता।
इससे पहले भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में पहली बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। साथ ही कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति के लिए पाक की तरफ से सीमा पार आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब तक बलूचिस्तान दमन का सामना करता रहेगा और वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन होता रहेगा, भारत तब तक यह मुद्दा उठाता रहेगा।
मुम्बई आतंकी हमलों पर स्वरूप ने कहा कि विदेश सचिव ने गत 09 सितम्बर को एक पत्र लिखकर अपने पाकिस्तानी समकक्ष को मुंबई आतंकी हमले के मुकदमे में तेजी लाने को कहा है। अगर पाकिस्तान मुम्बई हमले के दोषियों को सजा देना चाहता है तो वह पत्र में दिए हमारे सुझावों पर गौर करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि 26, सितम्बर को होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र (संयुक्त राष्ट्र महासभा) को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संबोधित करेंगी।
ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) देशों के सुरक्षा सलाहकारों की सुरक्षा को लेकर हुई बैठक की जानकारी देते हुए स्वरूप ने कहा कि ब्रिक्स के उच्च प्रतिनिधियों ने आतंकवाद का मुकाबला करने और पाक द्वारा चलाई जा रही हिंसक गतिविधियों के खिलाफ अपने प्रयासों में तेजी लाने पर सहमति जताई है।