रियो डी जेनेरियो। भारतीय महिला हॉकी टीम अपने अंतिम लीग मुकाबले में अर्जेंटीना से 5-0 से हारकर ओलंपिक से बाहर हो गई।
पूरे मैच में भारतीय महिला टीम कहीं से भी प्रभावी नहीं दिखी। हालांकि उसके ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने को भी बड़ी उपलब्धि माना जा रहा था। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय महिला हॉकी टीम कोई भी मैच नहीं जीत सकी। उसने केवल एक मैच जापान के साथ 2-2 से ड्रॉ खेला था।
मैच के पहले क्वार्टर में मुकाबला लगभग बराबरी का रहा। भारतीय महिलाओं ने कुछ अच्छे मूव बनाए, लेकिन गोल नहीं कर सकीं। अर्जेंटीना की टीम थोड़ा ज्यादा हावी दिखी। भारतीय महिला टीम की रक्षापंक्ति ने अच्छा खेल दिखाया और विरोधी को कामयाब नहीं होने दिया। पहले क्वार्टर के अंतिम सेकेंड में भारत ने उनको पेनल्टी कॉर्नर दे दिया, लेकिन वह गोल नहीं कर पाई।
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत से ही अर्जेंटीना महिला टीम ने जोर लगाया और भारत पर लगातार हमले किए। उन्हें इसका फायदा भी मिला, जब भारतीय खिलाड़ी से डी के भीतर फाउल हो गया और उन्हें दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिल गया।
अर्जेंटीना ने इसका फायदा उठाया और गोल में करने में कोई गलती नहीं की। यह गोल पेनल्टी कॉर्नर के दौरान रीबाउंड से हुआ, जिसका श्रेय अर्जेंटीना की स्विफ्ट मार्टिना को गया। इसी क्वार्टर के 8वें मिनट में अर्जेंटीना को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार भारतीय महिलाओं ने अच्छा बचाव किया।
इसी बीच भारत से एक और फाउल हो गया और एक पेनल्टी कॉर्नर का मौका विरोधी को मिल गया। इस बार अर्जेंटीना ने गोल करने में कोई गलती नहीं की और 2-0 से लीड ले ली। यह गोल मार्टिना ग्रैनेटो ने किया। जल्द ही उनको चौथा पेनल्टी कॉर्नर भी मिल गया और इसे भी उन्होंने गोल में बदलकर 3-0 की लीड हासिल कर ली।
अर्जेंटीना ने चौथा गोल करने में भी देर नहीं लगाई। यह मैच का पहला फील्ड गोल रहा। इसके बाद पांचवां गोल भी जल्द ही हो गया। तीसरे और चौथे क्वार्टर में भी अर्जेंटीना टीम भारत पर पूरी तरह हावी रही।
हालांकि उन्होंने गेम को धीमा कर दिया, क्योंकि उनके पास पहले से ही अच्छी खासी लीड थी। भारत ने कुछ मूव बनाए, लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। इस प्रकार उसे 0-5 की करारी हार झेलनी पड़ी।