नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रही गोलीबारी और भारत की जवाबी कार्रवाई के बीच भारत में बाल अधिकारों के पैरोकार कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायती मलाला युसूफजई को संयुक्तरूप से शांति का नोबेल पुरस्कार मिलना एक अजब संयोग है।…
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से हो रही गोलीबारी में दोनों देशों के कुल 17 लोगों की मौत हुई है। सीमा पर जारी तनाव के बीच दोनों देशों के नागरिकों को शांति के लिए संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार मिला है।
नार्वे की नोबेल कमेटी ने सत्यार्थी और लड़कियों की शिक्षा के लिए पाकिस्तान के आतंकवादग्रस्त क्षेत्र में अभियान चलाने वाली मलाला यूसुफजई को 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना है। मलाला नोबेल पुरस्कार के इतिहास में सबसे कम उम्र की पुरस्कार विजेता है।
सत्यार्थी बचपन बचाओ आंदोलन के माध्यम से बंधुआ बाल मजदूरों की मुक्ति के लिए काम कर रहे हैं। बाल श्रम उन्मूलन के क्षेत्र में महत्वपूूर्ण योगदान देने वाले कैलाश सत्यार्थी प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सातवें और शांति के क्षेत्र में यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।
नोबेल पुरस्कार पाने वाले सत्याथी सातवें भारतीय
बाल श्रम उन्मूलन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कैलाश सत्यार्थी प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले सातवें और शांति के क्षेत्र में यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। मैकेडोनिया में पैदा हुई तथा भारत को अपनी कर्मभूमि बनाने वाली मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। सत्यार्थी को यह पुरस्कार दस दिसंबर को नार्वे की राजधानी ओस्लों में दिया जाएगा। इस पुरस्कार के साथ 11 लाख डालर रिपीट 1। लाख डालर की धनराशि भी दी जाएगी। इससे पहले यह पुरस्कार जिन भारतीयों को दिए गए हैं वे हैं
रवीन्द्र नाथ टैगोर 1913 साहित्य
सी वी रमण 1930 भौतिक विज्ञान
हर गोविन्द खुराना 1968 चिकित्सा औषधि
मदर टेरेसा 1979 शांति
सुब्रमण्यम चंद्रशेखर 1983 भौतिक विज्ञान
अमर्त्य सेन 1998 अर्थशास्त्र
वी रामकृष्णन 2009 रसायन शास्त्र