नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना और पुलिस की मदद से लिवर एवं गुर्दे का एक अनोखा ट्रांसप्लांट ऑपरेशन किया गया है।
ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए दोनों अगों को पुणे से दिल्ली लाने के लिए वायु सेना के एम्ब्रायर हवाई जहाज का इस्तेमाल किया गया। अस्पताल, पुलिस और विभिन्न एजेंसियों के आपसी कोआर्डिनेशन ने मिलजुल कर एक कामयाब योजना के तहत लिवर तथा गुर्दे को सुरक्षित पुणे से दिल्ली पहुंचाया।
जानकारी के अनुसार पुणे निवासी ललिता सर्वडे के बेटे गणेश ने अपनी मां के एक सड़क दुर्घटना के बाद मौत होने के कारण उनके लिवर तथा गुर्दे को दान करने का फैसला किया। गणेश की मां गत 19 जुलाई के सड़क दुर्घटना की शिकार हो कर अस्पताल में भर्ती हुई थी, जिनका 26 जुलाई को निधन हो गया था।
मौत होने के बाद ललिता सर्वडे के लिवर और गुर्दे को दिल्ली के सेना अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को लगाने का फैसला लिया गाया। लिवर को एक पूर्व सैनिक तथा गुर्दे को भारतीय वायु सेना के एक सार्जेंट के बेटे का लगाया जाना तय हुआ।
लिवर और गुर्दे को दान में मिलने की जानकारी मिलते ही सेना के आरआर अस्पताल में सर्जनों की एक टीम हरकत में आ गए। उधर पुणे पुलिस ने बिना किसी देरी के ट्रांसप्लांट संबंधित सभी काग़जी कार्यवाही को अंजाम दिया और काग़जी कार्यवाही समाप्त होते ही डॉक्टरों ने पुणे के कमाड़ अस्पताल में लीवर एवं गुर्दे को ट्रांसप्लांट के लिए निकाल लिया।
बाद में पुणे ट्रफिक पुलिस ने अस्पताल से दोनों अगों को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए हवाई अड्डे तक ग्रीन कोरीडोर दिया और फिर अगों को ले जा रही एम्बुलेंस मात्र 8 मिनट में पुणे के हवाई अड्डे पहुंच गयी।
हवाई अड्डे पर वायु सेना के एम्ब्रायर हवाई जहाज ने दोनों अगों के साथ रात्रि 11.20 पर दिल्ली के लिए उड़ान भरी और 40 मिनट का सफर तय कर राजधानी पहुंच गई। इसके बाद दोनों मरीजों का लिवर एवं गुर्दे का ट्रांसप्लांट ऑपरेशन शुरू हुआ।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार दोनों ही मरीजों का ऑपरेशन सफल रहा। सर्वडे के दुसरे अंगो का भी भविष्य में इस्तेमाल किया जाएगा। उनके एक गुर्दे को पुणे के अस्पताल को सौंप दिया गया है। साथ ही उनकी दोनों कॉर्निया को नेत्र बैंक में रखा गया है। जिसका भी ट्रांसप्लांट किया जाएगा।