सूरत/नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने शुक्रवार को स्पाइसजेट मामले और हवाईपट्टी पर सुरक्षा खामियों संबंधी घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। गुरूवार रात किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट का एक विमान सूरत हवाईअड्डे पर एक भैंस से टकरा गया था।…
मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्री ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को निर्देश दिया है कि वह एक महीने के अंदर ऎसे सभी हवाईअड्डों पर टीम भेजे, जहां इस तरह की सुरक्षा खामियां देखने को मिली हैं और तीन महीने के अंदर इस समस्या के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाए। इस घटना के बाद कंपनी ने सूरत से अपनी सेवा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है।
विमानन कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि रात में एक आवारा भैंस सूरत हवाईअड्डे पर विमान के उड़ान की तैयारी करते वक्त उससे टकरा गई। भैंस काले रंग की पृष्ठभूमि में बिल्कुल दिखाई नहीं दी थी।
प्रवक्ता ने कहा कि सूरत से संचालित की जाने वाली सेवा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। कंपनी जांच के परिणाम और हवाईअड्डे द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जाने का इंतजार कर रही है।
बोइंग 737-800 विमान उड़ान संख्या एसजी 622 में 140 यात्री और चालक दल के छह सदस्य थे। सभी सुरक्षित हैं। विमान सूरत से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी।
प्रवक्ता ने कहा कि सभी यात्री सुरक्षित हैं। विमान क्षतिग्रस्त हो गया है। कंपनी ने नई दिल्ली आने वाले यात्रियों के लिए तत्काल वैकल्पिक विमान की व्यवस्था कर दी थी।
इससे पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भी घटना की जांच के आदेश दिए और क्षेत्रीय मुख्यालय मुंबई से घटनास्थल के लिए एक टीम रवाना हो गई।
सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यह घटना एक बड़े हादसे में बदल सकती थी, क्योंकि विमान जब तेज गति में हो तो पशु को बचाने की कोशिश में वह उलट सकता था या हवाईपट्टी से दूर जा सकता था।
डीजीसीए के पूर्व प्रमुख एच.एस. खोला ने कहा कि यह गंभीर मामला है। इसमें कई जानें जा सकती थीं। हवाईअड्डा अधिकारियों को दीवार बनाकर या अन्य तरीकों से हवाईपट्टी के सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना चाहिए।
ऎसी घटनाएं उन हवाईअड्डों पर अधिक होती हैं, जिनके आसपास गांव होते हैं। ऎसी स्थिति में आवारा पशुओं को बाहर रखने के लिए जरूरी व्यवस्था की जानी चाहिए। सूरत में पहले भी हवाईअड्डे पर आवारा पशुओं के पहुंचने की घटना हो चुकी है।
सूरत हवाईअड्डे की चारदीवारी के किनारे एक मछली का तालाब है, जिस कारण वहां बड़ी संख्या में पक्षी आते हैं, जिससे सुरक्षा का खतरा पैदा होता है।