बीजिंग। चीन के दो हेलीकॉप्टरों द्वारा भारतीय हवाई क्षेत्र के कथित उल्लंघन का मुद्दा भारत द्वारा उठाए जाने की बात कहने के एक दिन बाद मंगलवार को चीन ने किसी भी तरह की घुसपैठ से इनकार कर सीमा पर शांति का आग्रह किया है।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हेलीकाप्टरों द्वारा कथित उल्लघंन पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मीडिया रपट तथ्यों से मेल नहीं खाती है।
मंत्रालय ने कहा कि चीन की सेना ने चीन-भारत सीमा नियंत्रण रेखा की तरफ से नियमित प्रशिक्षण गतिविधियों का आयोजन किया था। मीडिया रपट तथ्यों से मेल नहीं खाती है।
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने सीमा पर शांति का आग्रह करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हमें सीमावर्ती वार्ता तंत्र के माध्यम से एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए, ताकि सीमा पर शांति और स्थिरता कायम हो सके।
उन्होंने कहा कि मैं दोहराना चाहता हूं कि चीन और भारत के बीच सीमा विवाद है। चीन का गश्ती दल समय-समय पर गश्त आयोजित करता रहता है।
इससे पहले चीन ने भारतीय सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दो हेलीकॉप्टरों द्वारा कथित उल्लंघन का बचाव करते हुए कहा था कि विवादित क्षेत्र में बीजिंग गश्त कर सकता है।
चीनी हेलिकॉप्टरों की उड़ानों को अस्वीकार्य करार देते हुए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि नई दिल्ली बीजिंग के समक्ष इस मामले को उठाएगी।
चमोली जिले के बरहोटी में शनिवार को दो चीनी सैन्य हेलीकॉप्टर उड़ते हुए देखे गए थे। इस साल मार्च से अब तक भारतीय हवाई क्षेत्र में इस तरह के चार उल्लंघन दर्ज किए गए हैं।
बरहोटी को 1958 में चीन और भारत दोनों ने विवादित क्षेत्र करार दिया था। इन दौरान दोनों पक्षों के बीच इस पर सहमित बनीं थी कि कोई भी पक्ष इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को नहीं भेजेगा।