कई बार ऐसा होता है कि आकाश में अपनी स्वभाविक गति से भ्रमण करते हुए ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते है। सूर्य की परिक्रमा करते समय बारह तरह की आकृति के तारामंडल हर ग्रह के सामने पडते हैं जिन्हे राशि कहा जाता है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि पर भ्रमण करता है व्यक्ति की वही जन्म राशि मानी जाती है।
चन्द्रमा की तरह सभी ग्रह को हर राशि के सामने से गुजरना पड़ता है। ग्रह की यह राशि परिवर्तन एक स्वभाविक प्रकिया है क्योंकि इस के बिना सूर्य का चक्कर सभी ग्रह नहीं लगा सकते है। राशि परिवर्तन के समय हर तारामंडल की रोशनी हर ग्रह पर पडती है और इन रोशनी के प्रभावों का अध्ययन ज्योतिष शास्त्र मे किया जाता है।
विशेष कर गुरू, शनि व राहू केतु की राशि परिवर्तन पर पृथ्वी पर बैठा व्यक्ति ज्यादा भयभीत होता है क्योंकि ये ग्रह धीरे-धीरे चलते हुए अपना प्रभाव लम्बे समय तक डालते हैं। तेज चलने वाले ग्रह अपना प्रभाव जल्दी बता देते हैं।
शनि ग्रह जब व्यक्ति की राशि मे भ्रमण करता है तो अपनी राशि से पहले और बाद की राशि तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। हर राशि बदलने में शनि को ढाई साल लगते हैं तो तीन राशि तक साढ़े सात साल लगते हैं अर्थात शनि व्यक्ति को साढे सात साल तक अपने गुण धर्म से प्रभावित करते हैं इसे शनि की साढे साती कहा जाता है।
इतना ही नहीं व्यक्ति की जन्म राशि से चोथी व आठवीं राशि में भी शनि ग्रह भ्रमण करता है तो भी व्यक्ति को प्रभावित करता है इसे शनि की अढैया या पनोति कहते हैं।
वर्तमान समय में शनि ग्रह वृश्चिक राशि में वक्री गति से भ्रमण कर रहा है तथा पुनः मार्गी गति से चल कर लगभग छब्बीस अक्टूबर तक धनु राशि में पुन प्रवेश करेगा। वर्तमान में शनि की साढ़े साती तुला, वृश्चिक व धनु राशि को चल रही है तथा मेष व सिंह राशि को पनोति चल रही है।
आकाश की इस स्थिति से ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखने वाले विशेषकर जिनके साढ़े साती व पनोति चल रही है वे बिना वजह ही तनाव बनाए रखते हैं। कारण एक तो शनि ग्रह पृथ्वी से बहुत दूर है दूसरे व्यक्ति के जन्म समय कितना प्रकाश शनि ग्रह का एक व्यक्ति विशेष पर पड रहा है इसको नापने का यंत्र ज्योतिष शास्त्र में नहीं है।
हम केवल नक्षत्र चरण व अंशों के आधार पर व ग्रहों की नभस स्थिति देखकर ही भविष्यवाणी करते हैं इस कारण एक ही समय, स्थान व तारीख यहां तक की एक ही लेबर रूम में जन्मे बच्चों का भाग्य अलग अलग होता है और हम केवल परिवार व परिस्थितियों के आधार का तर्क देकर अपना पीछा छुड़ा लेते हैं।
यह सत्य है कि हर व्यक्ति इन ग्रहों से प्रभावित होता है लेकिन यह इतने तनाव का विषय नहीं है कि आप अपनी हर असफलता शनि के नाम कर दें। अंधविश्वास में नहीं पड कर शास्त्रीय उपाय श्रद्धा के साथ कीजिए और पूरी मजबूती से अपने काम में लग जाएं, आप निश्चित सफल होंगे और शनि ग्रह का भी मान बढ जाएगा।
मेरी माता जी इन तनावों से ग्रस्त देख मुझे कहती थी भले ही तुम हर काम में असफल हो जाओ लेकिन निराश मत होवो तुम अंतिम विजेता बन जाओगे और शनि का भी मान बढ जाएगा।
सौजन्य : भंवरलाल