नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं ने पहली बार पूर्वी लद्दाख के चुशूल और मोल्डो क्षेत्र पर भारत-चीन सहयोग – 2016 नामक एक संयुक्त सामरिक अभ्यास किया।
संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सैनिकों के बीच अधिक से अधिक संपर्क बनाते हुए सीमा पर शांति का माहौल सुनिश्चित करना है।
थल सेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को यहां बताया कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं ने गत शनिवार को एक संयुक्त सामरिक अभ्यास का आयोजन किया।
भारत-चीन सहयोग– 2016 नामक संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य सीमा पर होने वाले किसी तरह की प्राकृतिक आपदा के समय सेना के बीच मानवीय सहायता और आपदा राहत बचाव अभियान के पहलुओं पर साझा कार्य करते हुए आपसी संपर्कों को बढ़ावा देना है।
साथ ही सेनाओं के बीच ऐसा माहौल का निर्माण हो सके, ताकि सीमा पर शांति बनाया जा सके। अभ्यास में भारतीय सेना के तीस सैनिकों के दल का नेतृत्व कर्नल रितेश चंद्र सिंह ने किया गया, जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर्नल कउ यी ने किया।
जानकारी हो कि इससे पहले भी भारत-चीन की सेनाओं के बीच पहले से कई तरह के संयुक्त अभ्यास का आयोजन होता रहा है।
इसमें थल सेना के बीच आयोजित होने वाले संयुक्त अभ्यास ‘हैंड इन हैंड’ सहित हाल ही में सिक्किम सीमा पर आयोजित किया गया संयुक्त अभ्यास शामिल है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के चुशूल इलाके में कोई संयुक्त अभ्यास किया है।