नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि कर दी है कि विदेश सचिव एस जयशंकर ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के पत्र का जवाब दिया था, जिसमें कहा गया था कि दोनों देशों के बीच बातचीत केवल सीमा पार आतंकवाद और हिंसा पर ही होगी।
एस जयशंकर के इस जवाब से भारत ने साफ कर दिया है कि वह कश्मीर पर कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है। पाकिस्तानी विदेश सचिव ने जयशंकर को 19 अगस्त को एक पत्र लिखकर उन्हें इस महीने के अंत में इस्लामाबाद आने और कश्मीर पर वार्ता करने के लिए आमंत्रित किया था।
विदेश सचिव ने पत्र में लिखा कि दोनों देशों के बीच भविष्य में अगर वार्ता होती है तो वह 1972 के शिमला समझौते, 1999 की लाहौर घोषणा (लाहौर डिक्लेरेशन) और 2004 के साझा वक्तव्य के आधार पर ही होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने यहां बताया कि पत्र में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार का प्रयास है कि इस विषय पर बातचीत का कोई निष्कर्ष निकले। उन्होंने कहा कि विदेश सचिव ने पत्र में यह भी लिखा था कि केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरा क्षेत्र अब यह जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में छह ठिकानों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई पुष्टि पर विकास स्वरुप ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति की निगरानी में हुए अध्यन का परिणाम है।
प्रवक्ता ने कहा इससे चार मुख्य बातें पता चलती है कि वैश्विक आतंकवादी के सूची में दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल है। दूसरा कि 1267 टीम ने दाऊद का पासपोर्ट रखा हुआ है, तीसरा संयुक्त राष्ट्र ने भी माना कि वह पाकिस्तान में रह रहा है और उसकी संपत्ति भी पाकिस्तान में है और चौथा यह कि संयुक्त राष्ट्र दाऊद पर नजर रखे हुए है।
विकास स्वरुप ने कहा कि भारत सदा ही यह मानता आ रहा है कि पाकिस्तान इस आतंकवादी को निष्कासित करे। उन्होंने कहा भारत आशा करता है कि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मान्यता का ख्याल रखेगा। प्रवक्ता ने कहा कि दाऊद के ठिकानों की पुष्टि करते हुए भारत ने कुछ और भी विवरण दिए हैं और सूची में दाऊद की पत्नी, पिता और कुछ और भी लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं।