नई दिल्ली। भारतीय आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार के लिए 2016 का साल काफी शानदार साबित होने वाला है। एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक करीब 50 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 2.93 अरब डालर जुटाए हैं। आगामी महीनों में भी काफी आईपीओ लाने की तैयारी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में 22 और कंपनियां आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं। इससे 2016 में आईपीओ से जुटाई गई राशि का आंकड़ा अनुमानत: 5.8 अरब डालर पर पहुंच जाएगा, जो पिछले साल के 2.18 अरब डालर से दोगुना से अधिक है।
बेकर एंड मैकेंजी की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय आईपीओ बाजार छह साल के उच्चस्तर पर पहुंच सकता है। इस साल आईपीओ से अभी तक जहां 2.93 अरब डालर जुटाए जा चुके हैं वहीं 2.90 अरब डालर और जुटने की उम्मीद है। इसके अलावा 2017 में 16 कंपनियां घरेलू स्तर पर सूचीबद्ध होने को तैयार हैं और इनसे करीब 5.86 अरब डालर की राशि जुटेगी। इनमें वोडाफोन का बहुप्रतीक्षित तीन अरब डालर का आईपीओ है, जो कोल इंडिया के आईपीओ को पीछे छोड़कर देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारोबार सुगमता अभियान से भारतीय आईपीओ बाजार को मजबूती मिली है। इन प्रयासों में कर व्यवस्था को तर्कसंगत किया जाना भी शामिल है। बेकर एंड मैकेंजी इंडिया प्रैक्टिस के प्रमुख अशोक लालवानी ने कहा, वस्तु एवं सेवा कर विधेयक से न केवल तात्कालिक लाभ के रूप में देश का कर आधार बढ़ेगा और घरेलू अप्रत्यक्ष करों की राजस्व उत्पादकता में इजाफा होगा, बल्कि इससे देश और दुनिया के लोगों में यह संदेश भी जाएगा कि भारत सरकार आर्थिक सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे निवेश गंतव्य के रूप में भारत का आकर्षण बढ़ेगा।