अमृतसर/लाहौर। पाकिस्तानी शख्स से कथित तौर पर निकाह को मजबूर की गई भारतीय महिला उज्मा अहमद गुरुवार सुबह वतन लौट आईं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले ही उज्मा को भारत लौटने को मंजूरी दी थी।
उज्मा वाघा सीमा पार कर अमृतसर पहुंचीं। उनके आने के बाद विदेश मंत्री विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर उनका स्वागत किया।
सुषमा ने ट्वीट में कहा कि उज्मा, घर में तुम्हारा स्वागत है भारत की बेटी। मुझे खेद है कि तुम्हें यह सब झेलना पड़ा।
उज्मा इस्लामाबाद से लाहौर पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ भारतीय उप उच्चायुक्त जे. पी. सिंह भी थे, जिन्होंने उज्मा को वाघा सीमा तक छोड़ा। वह 25 दिनों तक पाकिस्तान में रहीं।
महिला का दावा है कि उन्हें बंदूक की नोक पर पाकिस्तान के बुनेर के रहने वाले ताहिर अली से निकाह के लिए मजबूर किया गया।
उज्मा ने पाकिस्तान को ‘मौत का कुआं’ बताया
सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी न्यायाधीश मोहसिन अख्तर कयानी ने उज्मा से पूछा था कि क्या वह उनके चैम्बर में अपने ‘शौहर’ से मिलना चाहती हैं? इस पर उज्मा ने इससे इनकार कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि उज्मा अपने देश जा सकती हैं और इस मामले की सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में होगी।
उज्मा ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण ले रखी थी। वह वतन लौटना चाहती थीं।
अली ने याचिका दायर कर कहा था कि उज्मा को जबरन भारतीय उच्चायोग में रखा गया है और यह भी कहा था कि शादी जबरन नहीं हुई है।
नई दिल्ली की रहने वाली उज्मा को मलेशिया में अली से प्यार हो गया था, जिसके बाद वह वाघा सीमा से होते हुए एक मई को पाकिस्तान पहुंची थीं।