लंदन। विश्व की सबसे नामी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पर बोरिंग पढ़ाई के लिए एक भारतीय छात्र ने मुकदमा दर्ज कराया है। लंदन हाईकोर्ट ने इस बाबत पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मुकदमा चलाने से जुड़ी सुनवाई पूरी कर ली। इसके बाद लंदन हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को कोर्ट के ट्रायल का सामने करने का आदेश दिया।
हालांकि बचाव में यूनिवर्सिटी ने छात्र के आरोपों को निराधार बताया। बता दें कि भारतीय मूल के छात्र फैज सिद्धीकी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी पर मुकदमा दर्ज करवाया था।
फैज का कहना है की छात्र काफी मेहनत और पैसा खर्च कर यहां पढऩे आते है और बाद में उन्हें खराब टीचिंग मेथड और बोरिंग क्लासेज का सामना करना पड़ता है।
फैज ने अपनी पिटीशन में कहा है कि इसी बोरिंग टीचिंग मैथड की वजह से उसे यूनिवर्सिटी से सेकंड क्लास की डिग्री मिली और बतौर एक वकील उसे अपने कॅरियर में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं फैज ने अपने आय प्रभावित होने के लिए भी यूनिवर्सिटी को जिम्मेदार ठहराया है।
फैज ने यूनिवर्सिटी के ब्रासनोस कॉलेज से आधुनिक इतिहास में पढ़ाई की थी। फैज ने यूनिवर्सिटी पर भारत संबंधी इतिहास पाठ्यक्रम को लापरवाही से पढ़ाने का आरोप लगाया है।
फैज का कहना है कि यूनिवर्सिटी की बोरिंग पढ़ाई की वजह से उसे साल 2000 में कम अंक हासिल हुए थे। सिद्दीकी के वकील रोजर मलालियू ने जज को बताया है कि यह समस्या तब पैदा हुई जब एशियाई इतिहास पढ़ाने वाले सात शिक्षकों में से चार साल 1999-2000 के दौरान अध्ययन छुट्टी पर चले गए।
मामला 16 साल पुराना
सिद्दीकी का कहना है कि अगर उसे अच्छे नंबर मिलते तो उसका करियर अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक वकील के तौर पर और बेहतर होता। अपने बचाव में ऑक्सफोर्ड ने कहा कि चूंकि यह मामला 16 साल पुराना है। ऐसे में उस पर कोर्ट में केस नहीं चलना चाहिए।