न्यूयार्क। भारतीय मूल के अमरीकी कंप्यूटर वैज्ञानिक के. नायर ने दुनिया का पहला ऐसा कैमरा निर्मित किया है, जो पूरी तरह खुद पैदा की ऊर्जा से चलता है।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक नायर द्वारा विकसित यह कैमरा स्टूडियो के अंदर भरपूर रोशनी में हर सेकेंड एक फोटो खींच सकता है।
नायर ने एक ऐसे पिक्सल को विकसित किया है जो न सिर्फ रोशनी की तीव्रता को माप सकती है, बल्कि फोटोग्राफिक फिल्म पर पडऩे वाली रोशनी को इलेक्ट्रिक ऊर्जा में बदल देता है।
कोलंबिया इंजिनियरिंग में कंप्यूटर विजन लेबोरेटरी के अध्यक्ष नायर ने बताया कि हम डिजिटल तरीके से तस्वीरें बनाने की दिशा में क्रांतिकारी खोज की ओर हैं। हम एक ऐसा कैमरा विकसित करने वाले हैं जो बिना किसी बाहरी ऊर्जा के काम करेगा और इसलिए यह बेहद उपयोगी होगा।
किसी भी डिजिटल कैमरा में इमेज सेंसर उसका सबसे अहम हिस्सा होता है। यह एक ऐसा चिप होता है, जिस पर लाखों की संख्या में सेंसर लगे होते हैं। एक पिक्सल के अंदर मौजूदा फोटोडायोड रोशनी पडऩे पर बिजली उत्पन्न करता है।
किसी कैमरा में ये पिक्सल फोटोकंडक्टिव के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं, जबकि सोलर पैनल में इन्हीं पिक्सल को फोटोवोल्टाइक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
नायर ने शोधकर्ता डेनियल सिम्स और एडीएसपी कंसल्टिंग के लिए काम करने वाले मिखाइल फ्रिडबर्ग के साथ 30 गुणा 40 पिक्सल वाला एक इमेज सेंसर विकसित किया है।
नायर द्वारा तैयार इस कैमरे में हर पिक्सल में मौजूद फोटोडायोड संचालन के वक्त फोटोवोल्टाइक के रूप में भी काम करते हैं। जब फोटो न खींचना हो तो कैमरे को किसी दूसरे उपकरण के लिए विद्युत उत्पादन करने के उपयोग में भी लाया जा सकता है।
नायर की टीम अपने इस कैमरे को ह्यूस्टन स्थित राइस विश्वविद्यालय में 24 से 26 अप्रेल के बीच होने वाले कंप्यूटेशनल फोटोग्राफी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेश करेगी।