नई दिल्ली। भारत और वियतनाम रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में संबंध गहरा करने पर सहमत हुए हैं। भारत ने वियतनाम को 50 करोड़ अमरीकी डॉलर का रक्षा ऋण देने की घोषणा की है।
समकक्ष गुयेन जुआन फुक के साथ व्यापक बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे बीच हुई बातचीत में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा हुई। इस क्षेत्र में दोनों देश बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसको देखते हुए हमने क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अपने रिश्तों को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया।
इसके साथ ही हम इस क्षेत्र में बढ़ते आर्थिक अवसरों का भरपूर फायदा उठाने पर भी सहमत हुए और उभरती क्षेत्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक दूसरे का सहयोग करने को राजी हुए।
उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम की रणनीतिक साझेदारी को समग्र रणनीतिक सहयोग में तब्दील करने के फ़ैसले से भविष्य के संबंधों का रास्ता तय होगा और हमारे संयुक्त प्रयासों से इस क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि बनाए रखने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के जीवन में आर्थिक समृद्धि लाने के लिए पहले उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी इसलिए प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक और मैं साझा हितों को देखते हुए रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को गहरा करने पर राजी हुए।
इस दिशा में भारत की एलएंडटी कंपनी वियतनाम के तटरक्षक बल के लिए उच्च गति वाली अपतटीय गश्ती नौकाओं का निर्माण करेगी। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि वियतनाम को 500 मिलियन अमेरिकी डालर का कर्ज देगा।
उन्होंने कहा कि न्हा ट्रांग में दूरसंचार विश्वविद्यालय में एक सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना के लिए 5 लाख अमरीकी डॉलर का अनुदान की पेशकश की जाएगी।