नई दिल्ली। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीजा संबंधी नए शासकीय आदेश पर आनेवाले दिनों में हस्ताक्षर करने की खबर से भारतीय शेयर बाजार में आईटी कंपनियों के शेयर औधें मुंह गिरे।
सभी शीर्ष आईटी कंपनियों, जैसे टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो के शेयर में गिरावट देखने को मिली। इतना ही नहीं मिड साइज़ आईटी शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई। कंपनियों के शेयरों में औसतन 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन जल्दी ही एच1बी और एल1 वीजा को लेकर कानून में बदलाव कर सकता है। इसके बाद विदेशी प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में कामकाजी वीजा पाना आसान नहीं होगा।
वहीं कंपनियों के लिए अमरीका में विदेशी प्रोफेशनल्स से काम करवाना अब आसान नहीं होगा। अमरीका हर साल लॉटरी सिस्टम के जरिए 85 हजार एच1बी वीजा जारी करता है, जिसमें करीब 25 हजार भारतीय प्रोफेशनल्स हैं, जिनमें से अधिकांश आईटी कंपनियों में काम कर रहे हैं।
इतना ही नहीं अब ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए अपने जीवनसाथी के लिए वीजा लेना भी मुश्किल हो जाएगा। नए आदेश के जारी होने के बाद एच-1बी वीजा के लिए सैलरी की सीमा बढ़ाकर 1,30,000 अमरीकी डॉलर की जा सकती है, जो फिलहाल 60,000 अमरीकी डॉलर है।
वीजा कानून में बदलाव के जरिए अमरीकी प्रशासन की मंशा अब केवल सबसे बुध्दिमान और तेज उम्मीदवारों को ही वीजा देना है, जो अमरीका में अपनी बेहतरीन क्षमता से नए रोजगार अवसर पैदा कर सकें और अमरीकी अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें।
वहीं कंपनियों की इस परंपरा को भी रोकना है जिसमें कंपनियां अमरीकी प्रोफेशनल्स के बदले कम सैलरी पर विदेशी प्रोफेशनल्स, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, को नौकरी देती रहीं हैं। साथ ही अब ऐसे विदेशी प्रोफेशनल्स को प्राथमिकता मिलने की बात हो रही हैं, जिनके पास किसी अमरीकी विश्वविद्यालय की डिग्री होगी। इसके लिए अमरीका में पढ़ने वाले छात्रों को मिलने वाला एफ-1 वीजा से यूएस में रहने के अधिकार मिलने के रास्ते को आसान किया जा सकता है।