टोरंटा। दिल को छू जाने वाले जज्बात और भावनाओं के ताने बाने में बंधी फिल्म ‘लॉयन’ ने इन दिनों टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह टीआईएफएफ में धूम मचा रखी है।
‘लॉयन’ बचपन में कोलकाता की गलियों में खो जाने, हजारों परेशानियों का सामना करने के बाद होबार्ट के एक आस्ट्रेलियाई दंपती के उसका हाथ थामने और फिर वापस अपने खोए परिवार की तलाश में भारत आने वाले एक युवक की कहानी है।
‘लायन’ के निर्देशक गार्थ डेविस हैं। यह जोसोरू ब्रियरले के जीवन पर आधारित एक सच्ची कहानी हैं, जो मध्यप्रदेश के गरीब परिवार का बच्चा है वह पांच वर्ष की उम्र में ट्रेन में सो जाने के कारण अपनी जन्म देने वाली मां से बिछड़ कर 1600 किमी दूर पहुंच जाता है। फिल्म में उनकी भूमिका देव पटेल ने निभाई हैै।
फिल्म में निकोल किडमेन, रूनी मारा, डेविड वेन्हम, मुंबई की अदाकारा प्रियंका बोस और बाल कलाकार सन्नी पवार भी हैं। ब्रियरले घर वालों से बिछड़ जाने के बाद करीब 25 साल की उम्र में गूगल अर्थ की मदद से खंडवा में अपना घर तलाशने की कोशिश करता है, ताकि वह अपने असली परिवार वालों से मिल सके।
‘लायन’ ब्रियरले की किताब ‘ ए लॉन्ग वे होम’ पर आधारित है। इसका निर्माण ‘द विंस्टेन कंपनी’ ने किया है और वह इसके अगले साल ऑस्कर के लिए नामंकित होने की उम्मीद भी कर रहे हैं। ‘लायन’ ‘टीआईएफएफ’ ऑडियंस चॉयस अवार्ड की श्रेणी में प्रबल दावेदार मानी जा रही और आमतौर पर इस पुरस्कार को पाने वाली फिल्म ऑस्कर भी अपने नाम करती है।