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पाकिस्तानी से 'जबरन निकाह' को मजबूर भारतीय महिला स्वदेश लौटेगी - Sabguru News
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पाकिस्तानी से ‘जबरन निकाह’ को मजबूर भारतीय महिला स्वदेश लौटेगी

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पाकिस्तानी से ‘जबरन निकाह’ को मजबूर भारतीय महिला स्वदेश लौटेगी
Indian woman uzma, who claimed she was forced to marry to Pakistani man, allowed to return home
Indian woman uzma, who claimed she was forced to marry to Pakistani man, allowed to return home
Indian woman uzma, who claimed she was forced to marry to Pakistani man, allowed to return home

इस्लामाबाद। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी शख्स ताहिर अली से कथित तौर पर निकाह के लिए मजबूर की गईं भारतीय महिला उज्मा जान को स्वदेश लौटने की अनुमति दे दी है।

मजिस्ट्रेट सलमान अमजद सिद्दीक ने पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय को उज्मा की भारत वापसी सुनिश्चित करने का आदेश दिया। सूत्रों के अनुसार उज्मा गुरुवार को स्वदेश भेजी जाएंगी। उनका वीजा 30 मई को समाप्त हो रहा है।

पेशे से चिकित्सक उज्मा ने अदालत से अपील की थी कि उन्हें भारत लौटने की अनुमति दी जाए। उनका आरोप है कि उन्हें बंदूक दिखाकर ताहिर से निकाह करने के लिए मजबूर किया गया।

उन्होंने इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी। उन्होंने यह जानने के बाद स्वदेश भेजे जाने की अपील की थी कि ताहिर पहले से ही शादीशुदा और चार बच्चों के पिता हैं।

उज्मा ने ताहिर पर उन्हें धोखा देने तथा उनका पासपोर्ट एवं यात्रा संबंधी अन्य दस्तावेज चुराने का आरोप लगाया।

उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उज्मा अपने देश जा सकती हैं और मामले की आगे की सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में होगी।

न्यायाधीश मोहसिन अख्तर कयानी की अध्यक्षता वाली इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की एक पीठ ने उज्मा को आव्रजन संबंधी उनके मूल दस्तावेज सौंप दिए। ताहिर ने मंगलवार को इन्हें अदालत में जमा कराया था। न्यायालय ने पुलिस को वाघा सीमा क्रॉसिंग तक उज्मा को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए।

दुनिया न्यूज के अनुसार उज्मा ने न्यायालय में अर्जी देकर कहा था कि उन्हें थैलेसीमिया से पीड़ित अपनी बेटी को देखने के लिए स्वदेश जाने की अनुमति दी जाए।

न्यायाधीश कयानी ने उज्मा की बेटी की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें स्वदेश जाने की अनुमति दे दी।

ताहिर ने उज्मा से अकेले में मिलने का अनुरोध किया था, जिस पर न्यायाधीश कयानी ने कहा कि वे उनके कक्ष में मिल सकते हैं। हालांकि, उज्मा ने ताहिर से मिलने से इनकार कर दिया।

इस पर न्यायमूर्ति कयानी ने कहा कि यदि उज्मा ताहिर से नहीं मिलना चाहतीं तो इसके लिए उन पर दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान उज्मा न्यायालय में बेहोश हो गई थीं, जिस पर चिकित्सा दल को बुलाया गया।

उज्मा ने न्यायालय को छह पृष्ठों के अपने जवाब में कहा कि उनके माथे पर बंदूक रखकर उनसे निकाहनामे पर हस्ताक्षर कराया गया।

उज्मा ने आरोप लगाया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई, प्रताड़ित किया गया और बुरी तरह अपमानित किया गया।

ताहिर ने न्यायालय को बताया कि नई दिल्ली से ताल्लुक रखने वाली उज्मा और वह मलेशिया में मिलने के बाद एक-दूसरे के प्रेम में पड़ गए थे। उज्मा एक मई को वाघा बॉर्डर के जरिये पाकिस्तान पहुंची थीं और दोनों का तीन मई को निकाह हुआ था।