चंडीगढ़। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि इराक में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए पंजाब के युवक अभी जीवित हैं और उनकी रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वराज ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि आतंकवादियों के चंगुल से छूटकर आए युवक की बात सच नहीं है कि उसके बाकी साथियों को मार दिया गया है।
अगर ऐसा होता तो उन्हें संसद में यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं होता। करीब तीन महीने पहले 15 अरब देशों के विदेश मंत्रियों की भारतीय अधिकारियों के साथ मनामा में बैठक हुई थी जिसमें दो बड़े देशों में माना कि आतंकवादियों के कब्जे में मौजूद भारतीय जिंदा हैं।
उन्हें छुड़ाने की पूरी कोशिश की जा रही है और इसमें दूसरे देशों की भी पूरी मदद ली जा रही है। सुषमा ने साथ ही कहा कि झांसा देकर विदेश भेजने वाले अवैध एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए जल्दी ही संसद में एक संशोधन विधेयक लाया जाएगा।
प्रवासी भारतीयों खासकर श्रमिकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है और ई माइग्रेट तथा मदद पोर्टलों के माध्यम से व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार केंद्र सरकार को है लेकिन राज्यों के तहत आने वाले एजेंटों के खिलाफ राज्य सरकार ही कार्रवाई कर सकती है।
स्वराज ने कहा कि कई ऐसे भी एजेंट हैं जो कहीं भी पंजीकृत नहीं हैं। वे धोखे से लोगों को विदेश भेजते हैं। यह मानव तस्करी का मामला है। ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए हम राज्य सरकारों से बात कर रहे हैं और हमारी योजना राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की एक बैठक कराने की भी है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को विदेशों में सबसे ज्यादा उत्पीडऩ का सामना करना पड़ता है इसलिए सरकार ने यह फैसला किया है कि उन्हें केवल सरकारी एजेंसियों के माध्यम से ही बाहर भेजा जाएगा।