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चलते पहिये, गढ़ते किस्से 'बाइक ट्रेवलिंग'
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चलते पहिये, गढ़ते किस्से ‘बाइक ट्रेवलिंग’

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चलते पहिये, गढ़ते किस्से ‘बाइक ट्रेवलिंग’

ट्रेन ट्रेवलिंग, जहां नए लोगों के साथ देश के करंट टॉपिक पर अपनी अपनी राय रखने का मौका मिलता है। वहीं एअर ट्रेवलिंग के दौरान भी नए देश की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है। ऐसे में बाइक ट्रेवलिंग ही ऐसा जरिया है, जहां हर मोड़ पर रुक कर, लोगों से बतियाते हुए, अपने लक्ष्य तक चलते जाने का रोमांच कुछ ओर ही होता है।

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बाइकिंग के दौरान जहां प्रकृति के विभिन्न रंग देखने को मिलते है तो वहीं हर क्षेत्र को करीब से देखने का मौका मिलता है। हमारे देश भारत में भी ऐसे बहुत से बाइकिंग रुट्स है, जिसमें हर एक रुट का अपना अलग मजा है। चाहे बात लद्दाख रूट की हो या फिर रेतिले रेगिस्तन जयपुर से जैसलमेर के रूट की हो, हर रूट का अपना रंग और अपना ढंग है।

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बेहतरीन मौसम : खारदूंगला से लेह लद्दाख

जुनूनी बाइकर हैं तो अपनी दमदार बाइक उठाइए और निकल जाइए खारदूंगला रोड से लेह लद्दाख के सफर पर। चारों ओर से पहाड़ों से घिरी खारदूंगला रोड ऊंचाई के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस पर से गुजरते हुए आपको खूबसूरत नजारों और बेहतरीन मौसम के मजों के साथ बौद्ध संस्‍कृति को भी करीब से देखने और समझने का मौका मिलेगा। यहां जाने का सबसे अच्‍छा समय अप्रेल से अगस्‍त के बीच है।

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मन मोहती : स्पीती वैली

अगर अब भी आप को और घूमने का दिल कर रहा है तो हिमाचल प्रदेश की स्पीती वैली का लद्दाख से ज्यादा दूर नहीं है। बाइक पर स्पीती वैली जाते हुए काजा, टैबो, स्पीती और पीन वैली जैसी कई खूबसूरत जगहें देखने को मिलती हैं। यहां के बस्पा और किन्नौर इलाके में सड़कों के किनारे सेब, खूबानी के पेड़ आपका मन मोह लेंगे। साथ ही आपके साथ चलेगा सतलज नदी का हसीन बहाव, साथ ही बर्फ से ढ़के मंदिरों को देख कर आपके मन को असीम शांति का अनुभव होगा। यहां जाने का सबसे अच्‍छा समय अप्रेल से अक्टूबर तक का माना जाता है।

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हरे भरे जंगल का रोमांच : वालपराई और वाझाचल फॉरेस्ट

एक और जगह है जो बाइक राइडिंग के लिए ड्रीम रूट कही जाती है। केरल और तमिलनाडु के बीच से गुजरने वाला ये हसीन रास्‍ता तमिलनाडु के पोलाची को केरला के चालाकुडी को जोड़ता है। यहां बाइक चलाते हुए आप घने और हरे-भरे जंगल के खूबसूरत नजारों के बीच से गुजरते हैं। इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा बारिश होती है जिसकी वजह से यहां कई छोटे-छोटे पर खूबसूरत वाटर फॉल्स भी देखने को मिलते हैं। इनमें से सबसे खास है अथिरपाल और वाझाचल के वाटर फॉल्‍स। यहां आप साल में किसी भी समय जा सकते हैं।

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एडवेंचरर्स रुट : मुम्बई टू गोवा

भारत की व्‍यवसायिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई नगरी से कभी पुर्तगाल की कॉलोनी रहे राज्‍य गोवा तक बाइक से सफर करना भी काफी मजेदार रहेगा। बाइकिंग के शौकीनों और जानकारों की मानें तो ये रूट अमेरिका के 101 हाइवे से काफी मिलता जुलता है। इस सड़क को देश में समुद्री तटीय इलाकों में बाइक चलाने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है। 10 घंटे के इस एडवेंचरर्स सफर में बाइक चलाने के शौकीन बेहद इंजॉय कर सकते हैं। ये रूट कई बॉलीवुड फिल्‍मों इस्‍तेमाल किया गया है। यहां बाइक चलाने में सबसे ज्‍यादा मजा आता है अक्टूबर से फरवरी के बीच।

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लुभावना अनुभव : वेस्टर्न अरुणाचल प्रदेश

वेस्टर्न अरुणाचल प्रदेश की सैर भी बाइकर से लिए यादगार बन सकती है। हिमालय की ऊंची चोटियों को देखते हुए बाइक चलाना एक बेहद लुभावना अनुभव साबित हाता है। यहां पर सड़के बहुत अच्‍छी नहीं है जिसके चलते ऊंचे-नीचे पहाड़ी रास्तों से गुजरना एक रोमांचक अहसास कराता है। इस एडवेंचर से भरे सफर के दौरान आप बर्फ से ढंकी पतली सड़कों से गुजरतेक हुए आदिचासी और जनजातीय संस्‍कृति और उनकी एक दम भिन्‍न जीवन शैली को भी अनुभव कर सकते हैं। यहां जाने का सबसे अच्‍छा समय मार्च से मई और अक्टूबर से नवंबर के बीच का है।

सड़को का अनोखा अंदाज : जयपुर से जैसलमेर का सफर

ठंडे और हरे भरे इलाकों से निकल कर दोनों तरफ धूल उड़ाते रेगिस्‍तान के बीच से गुजरते हाइवे से गुजरने का अहसास आप कभी नहीं भूल सकेंगे। ,करीब 600 किलोमीटर लंबे इस एडवेंचरस सफर में राजस्‍थानी संस्‍कृति को भी करीब से देखने के कई मौके मिलेंगे। साथ ही बीच-बीच में जोधपुर, ओसियां, पोकरन जैसे इलाकों से गुजरते हुए आप खूबसूरत जगहों का मजा तो लेंगे ही मजेदार राजस्‍थानी खाने का भी आनंद ले सकेंगे। यहां जाने का सबसे अच्‍छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच है।

चमकती रेत का आनंद : अहमदाबाद टू कच्छ

राजस्‍थान से गुजरात बहुत दूर नहीं है, इसालिए आप इस रूट पर बाइक चलाने का मजा ले सकते हैं। चारो तरफ सफेद चादर की तरह फैली रेत आपको एक अलग रोमांच से भर देगी। यहां पर रेत का जादू इस करद चलता है कि आप अचानक अपनी बाइक में ब्रेक नहीं लगा सकते, बहुत संभल कर ऐसा कोई कदम उठाना होगा। यहां रात में बाइक चलाना बेहद अच्‍छा लगता है क्‍योकि अंधेरे में चमकते रेत के कण आपको आसमान पर सितारों के बीच गाड़ी चलाने के अहसास से रूबरू कराते हैं। यहां जाने का सबसे अच्‍छा समय है दिसंबर से फरवरी के बीच।

बर्फ से ढंकी पहाड़ियों का नजारा : दार्जिलिंग टू सिक्किम

एक बार फिर चलें पहाड़ों के बीच, पूर्वी हिमालय की इन वादियों से गुजरते हुए बाइकर्स यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल हो चुके हिमालयन रेलवे का भी नजारा करते हुए पहाड़ों पर चलती रेल के साथ अपनी बाइक चलाने का मजा ले सकते हैं। बर्फ की सफेद चादर से ढका दार्जिलिंग हिंदू और बौद्ध संस्‍कृति का गंगा जमुनी नजारा प्रस्‍तुत करता है। यहां से कंचनजंघा की हसीन चोटियों भी दिखाई देती हैं। यहां आप पूरे साल में कभी भी जा सकते हैं।

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रूमानी एडवेंचर : शिलांग से चेरापूंजी

पानी के दो अलग रूपों के लिए मशहूर इन इलाकों के बीच बाइक का सफर सोच कर ही सिहरन होती है। एक ओर जहां शिलांग बर्फ से ढ़की ऊंची पहाड़ियों के लिए जाना जाता है तो दूसरी ओर चेरापूंजी अपनी लगातार बरसती बारिश के लिए मशहूर है। जाहिर है ठिठुराती बर्फ से बारिश की फुहारों के बीच का सफर किसी रूमानी कहानी के एडवेंचर जैसा ही होगा। हालांकि इस बदलते मौसम में बाइक बहुत ध्यान से चलाने की जरूरत होती है। यहां जाने का सबसे अच्‍छा समय है अक्टूबर से मार्च के बीच।

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