Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
युद्धपोत आईएनएस कोच्चि नौसेना में शामिल - Sabguru News
Home Headlines युद्धपोत आईएनएस कोच्चि नौसेना में शामिल

युद्धपोत आईएनएस कोच्चि नौसेना में शामिल

0
युद्धपोत आईएनएस कोच्चि नौसेना में शामिल
india's deadliest naval warship INS Kochi commissioned in mumbai
india's deadliest naval warship INS Kochi commissioned in mumbai
india’s deadliest naval warship INS Kochi commissioned in mumbai

मुंबई। रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने बुधवार को भारतीय नौसेना के 25वें युद्धपोत आईएनएस कोच्चि को सेना के बेड़े में शामिल किया। आधुनिकतम हथियारों और सेंसरों से लैस इस युद्धपोत का निर्मण मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।

सूत्रों के मुताबिक जहाज का डिजायन इस तरह तैयार किया गया है कि यह दुश्मन के रडार को चकमा देने के साथ समुद्र की दूर तक निगरानी कर सके। 7500 टन की विस्थापन क्षमता का यह

जहाज 164 मीटर लंबा है जबकि इसका बीम 17 मीटर का है। चार गैस टर्बाइन से चलने वाला यह जहाज 30 नॉट से ज्यादा की गति प्रात्त करने में सक्षम हैं।

इस जहाज में 40 आफसर और साढ़े तीन सौ नाविक के सवार होने की जगह है। नौसैनिकों की दक्षता को बढाने के लिए इस जंगी जहाज को खास तरीके से डिजायन किया गया है। सेंसरों से लैस युद्धपोत तट और समुद्र आधारित लक्ष्यों की लंबी दूरी की लक्ष्यों को भेदने के लिए आधुनिकतम घातक हथियारों और मिसाइल प्रणाली से यह जंगी जहाज लैस है।

यह युद्धपोत दिल्ली श्रेणी के जहाजों की तुलना में बेहतर है और इसके शस्त्र और सेंसर अधिक आधुनिक हैं। युद्धपोत में रडार की पहुंच में नहीं आने जैसी उन्नत नयी डिजाइन अवधारणाएं शामिल हैं। विशालकाय जहाज 164 मीटर लंबा और 17 मीटर गहरा है जो चार गैस टर्बाइन से चलता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 30 नॉट तक की रफ्तार पकड़ सकता है।

जहाज पर करीब 40 अधिकारियों और चालक दल के 350 सदस्यों के सवार होने की क्षमता है। कर्मचारियों की परिस्थिति और रहने की अनुकूल शैली के अनुरूप जहाज में रहने की व्यवस्था की

गई है।नौसेना के पास हेलीकॉप्टरों की कमी के सवाल पर पर्रिकर ने कहा कि हमारे पास कुल स्वदेशी लक्ष्य के करीब 35-40 प्रतिशह हैं। बाकी की चीजें आंशिक या पूर्ण रूप से आयातित की जाती हैं।

उन्होंने कहा कि गुणवत्ता कमजोर होने की स्थिति में चीजें बनाना व्यावहारिक नहीं होता। अगले पांच से छह साल में 70 प्रतिशत स्वदेशी विकास का लक्ष्य उचित होगा। प्रवक्ता ने बताया कि जहाज को इस तरह का ढांचा दिया गया है और रडार-पारदर्शी डेक फिटिंग का इस्तेमाल किया गया है कि इसकी रडार की पहुंच से दूरी रहने की विशेषता और उन्नत हुई है।

जहाज को ‘नेटवर्क ऑफ नेटवक्र्स’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है जो शिप डाटा नेटवर्क एसडीएन, कांबट मैनेजमेंट सिस्टम सीएमएस, ऑटोमैटिक पॉवर मैनेजमेंट सिस्टम एपीएमएस और ऑक्सिलरी कंट्रोल सिस्टम एसीएस से युक्त है।