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India's growing step towards becoming a regional superpower
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क्षेत्रीय महाशक्ति बनने की ओर भारत के बढते कदम

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क्षेत्रीय महाशक्ति बनने की ओर भारत के बढते कदम
India's growing step towards becoming a regional superpower
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India’s growing step towards becoming a regional superpower

प्रशान्त झा
​नई दिल्ली। भारत ने रक्षा सौदों व उत्पादन में तेजी लाते हुए चीन और पाकिस्तान से बढते खतरे से निपटने के लिए भविष्य की योजनाओं पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।

एक ओर भारत ने स्वदेशी हल्के मल्टीरोल कॉम्बैट विमान तेजस को वायू सेना में शामिल कर लिया है और 2026 तक 120 तेजस विमान वायू सेना में शामिल किए जाएंगे वहीं दूसरी ओर चौथी पीढी के सबसे घातक विमान सुखोई एस.यू. 30 एम.के.आई. को भी उन्नत कर सुपर सुखोई में बदलने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

उन्नत उडान प्रणाली के साथ यह एशिया का श्रेष्ठतम विमान होगा। ब्रहमोस मिसाईल से युक्त सुपर सुखोई भारत की हवाई सीमा में रहते हुए 300 कि.मी. तक दुश्मन पर तीव्रता से बचने का मौका दिए बिना अचूक प्रहार कर सकता है। इसके साथ ही रूस और भारत के बीच रूके हुए रक्षा संबंधों में तेजी आने के आसार हैं।

रूस के भारतीय पायलटों को पांचवी पीढी के युद्धक विमान एफ.जी.एफ.ए. (सुखोई पी.ए.के—टी 50)की टैस्ट फ्लाईट को हरी झण्डी दिखाने के साथ ही भारत द्वारा विमान की क्षमताओं के आंकलन का रास्ता साफ हो गया है जिसे दोनों देशों ने मिलकर विकसित करने पर सहमति जताई हैं।

क्षमताओं के आकलन के बाद इसे भारतीय जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जाएगा और 2022 के बाद यह विमान भारत को मिल पाएगा। भारत ऐसे 127 पांचवी पीढी के विमान भारतीय वायू सेना के बेडे में शामिल करने की योजना पर विचार कर सकता है।

दुश्मन के हवाई हमलों को हवा में ही मार गिराकर अपनी सुरक्षा का पुख्ता बन्दोबस्त करने के लिए भारत रूस से लम्बी दूरी के 12 एस 400 एन्टी एयरक्राफ्ट मिसाईल प्रणालियां खरीदने की तैयारी में है जिसपर शीघ्र ही फैसला लिया जा सकता है।

यह दुनिया की सर्वोत्तम मिसाइल प्रणाली है जो अत्याधुनिक रेडार से युक्त है और 400 कि.मी. दूरी तक किसी भी विमान अथवा बैलेस्टिक मिसाईल को नष्ट कर सकती है। इसके साथ ही भारत की रूची रूस से लम्बी दूरी के श्रेष्टतम आणविक बमवर्षक विमानों में से एक टुपोलेव—टीयू 22 एम 3 खरीदने में है।

भारत ऐसे 4 विमान खरीद सकता है जो 2303 कि.मी. की अधिकतम गति से 6800 कि.मी. की रेंज तक प्रहार कर सकता है जिसकी सर्विस सीलिंग 43600 फुट है व 24000 किलो तक हथियार ले जा सकता है।

80 एम.आई. हैलीकॉप्टर व 6 आई.एल.—76 विमान रूस से खरीदे जा रहे हैं जिन्हें इजराइल निर्मित फाल्कन राडार लगाकर अवाक्स (रेडार युक्त हवाई निगरानी विमान) बनाया जा सकता है। 63 मिग 29 विमानों को भी उन्नत बनाया जा रहा है। फ्रान्स से 36 राफेल विमान खरीद पर भी निर्णय इसी सप्ताह हो सकता है।

भारत 1000 अत्याधुनिक टी—90 एस टैंक जो आणविक, जैविक और रसायनिक युद्धों में भी हमाला करने में सक्षम है और 200 केए 226 हैलीकॉप्टर रूस के सहयोग से शीघ्र ही भारत में ही बनाए जाएंगे।

चीनी परमाणु पण्डुब्बियों की हिन्दमहासागर में बढती गतिविधियों के मध्यनजर भारत रूस से दो और अकुला—2 श्रेणी की परमाणु पण्डुब्बियां लीज पर लेने का विचार कर रहा है। भारत के पास पहले से अकुला श्रेणी की एक परमाणु पण्डुब्बी आई.एन.एस. चक्र लीज पर ली हुई है।

लीज अवधि समाप्त होने के पश्चात भारत चाहे तो इन पनडुब्बियों को खरीद भी सकेगा। नौसेना की आण्विक शक्ति चालित सुपर कैरियर विमान वाहक युद्धपोत निर्माण परियोजना हेतु भी रूस ने अपने नए डिजार्इ्न की पेशकश की है।

रक्षा तैयारीयों में यह तेजी, समग्र विकास और विस्तार भारत को एक ओर अपने पडोसियों के सामने और मजबूती से खडा करेगी वही दूसरी ओर यह भारत को क्षेत्रीय शक्ति से वैश्विक महाशक्ति बनाने के द्वार भी खोलेगी और मेक इन इण्डिया नीति के तहत भारत मजबूत और सुरक्षित आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर होगा।