इंदौर। बीते पांच माह में गुरुवार को आठवां ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इंदौर ने देशभर में एक मिसाल पेश की है। शहर में गुरुवार सुबह फिर दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए।
सीएचएल अस्पताल में पहली बार हुए अंग प्रत्यारोपण के बाद अस्पताल से पहला ग्रीन कॉरिडोर गुरुवार को सुबह 7 बजकर 16 मिनट से एयरपोर्ट तक 7 बजकर 35 मिनट तक बनाया गया।
यह अब तक का सबसे बड़ा ग्रीन कॉरिडोर था, जिसमें 19 मिनट लगे। इसके बाद दूसरा कॉरिडोर सीएचएल अस्पताल से बांबे हॉस्पिटल तक 7 बजकर 48 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक बना। दिल और लीवर दोनों नियमित फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना कर दिए गए।
अंगदान करने वाले गौरव जैन (34) का 6 मार्च को विजयनगर क्षेत्र में एक्सीडेंट हुआ था। भाई ललित जैन ने बताया कि गौरव हमेशा हेलमेट पहनता था, लेकिन उस दिन हेममेट मैं पहन गया था, इसलिए वह नहीं पहन पाया।
उसी दिन एशिया कप का फाइनल मैच था जो देखने के लिए वह घर रुका था। मैच में विलंब होने के कारण वह बिना हेलमेट ही घर से निकल गया। एक्सीडेंट में सिर में गंभीर चोट आई थी, करीब आधे घंटे वह पड़ा रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
आखिर में चार युवाओं ने उसे अस्पताल पहुंचाया। ललित का कहना है की हेलमेट होता तो भाई की जान बच जाती। लोगों को इसे परेशानी के रूप में नहीं जिम्मेदारी के रूप में समझना चाहिए।
किडनी, आंखें और त्वचा भी दान
गौरव को ऑपरेशन के लिए देर रात ओटी में लाया गया था। दिल दिल्ली के एम्स और लीवर दिल्ली के ही आईएलबीएस में पहुंचाया गया। एम्स के डॉ. मिलिंद कुमार और आईएलबीएस के डॉ. शेंदिल कुमार अपनी टीम के साथ यहां पहुंचे थे।
शहर के डॉ. जुल्का, डॉ. थोराणी, डॉ. भराणी व टीम ने इनका सहयोग किया व ऑपरेशन को अंजाम दिया। गौरव के दिल और लीवर के अलावा दोनों किडनी, आंखें और त्वचा भी दान की गईं।
गौरव के परिवार को मनाया
बुधवार को ब्रेन डेड की सूचना मिलने के बाद से अंगदान के लिए समर्पित मुस्कान ग्रुप के 20 से अधिक सेवादार इस कार्य में लग गए थे। बड़ी संख्या में महिला सेवादारों ने भी गौरव के परिवार को मनाने के साथ ही सांत्वना दी और जिम्मेदारी संभाली।
मुस्कान ग्रप के सेवादार संदीपन आर्य का गुरुवार को जन्मदिन भी था, जिसे उन्होंने सेवा दिवस के रूप में अंगदान करवाकर समर्पित किया। मुस्कान ग्रुप के कविता वाधवानी, रेणु जयसिंघानी, जयश्री विरानी, नरेश शामानी, हेमंत छाबडिय़ा, पीयूष छाबडिय़ा, नरेश फुंदवानी, जीतू बगानी, संदीपन आर्य कल से ही इस कार्य में लगे थे।