इंदौर। मंगलवार को सुबह एक बार फिर शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और चोइथराम अस्पताल से एयरपोर्ट और बाम्बे अस्पताल के लिए ब्रेनडेड व्यक्ति के अंग दान के लिए भेजे गए।
पिछले दिनों बड़ी ग्वालटोली निवासी सुनील पारुलिया की एक्सीडेंट के बाद ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। उनके परिजनों ने अंगदान का निर्णय लिया। शहर सुबह 11 बजे आधे घंटे के लिए थम गया और एक नई मिसाल फिर कायम की।
प्रशासन मंगलवार की सुबह ग्रीन कॉरिडोर की तैयारी में रात से ही जुट गया था। चोइथराम अस्पताल में इस युवक के ये तीन अंग निकाल कर मंगलवार की सुबह उन्हे दिल्ली, मुबंई और इंदौर के ही दूसरे अस्पतालों में भेज दिया गया।
जिस व्यक्ति की ब्रेन डेथ हो चुकी है उसका नाम है सुनील केरोलिया। 42 वर्षीय सुनील कुछ दिनों पूर्व पिपल्याहाना में एक दुर्घटना में घायल हो गया था। इसे इलाज के लिए सुयश अस्पताल में भर्ती किया था। इलाज के दौरान उसकी ब्रेन डेथ हो गई।
बताया गया कि सुनील की ब्रेन डेथ की खबर को तत्काल देश के बड़े अस्पतालों को दी। सूचना के दो घंटे के भीतर ही दिल्ली, मुबंई और इंदौर से दिल, किडनी और लीवर की मांग आ गई। साथ ही इन अस्पतालों के डॉक्टर भी तत्काल हवाईजहाज से इंदौर आ गए थे।
बताया गया कि सुनील की ब्रेन डेथ होते ही इंदौर सोसायटी फॉर आर्गन डोनेशन और मुस्कान ग्रुप के सदस्य सक्रिय हुए और सुनील के परिजनों से सम्पर्क किया। इस काम में पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा ने खास भूमिका अदा की, क्योंकि वे सुनील के परिवार से परिचित थे।
उन्होंने केरोलिया परिवार को समझाया कि अंग दान से तीन लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। सुनील तीन लोगों में जीवित रहेगा। उनकी बात केरोलिया परिवार ने मान ली। इसके बाद सुनील के शरीर को चोइथराम अस्पताल भेज दिया।
सुनील का दिल मुबंई के फोर्टिस अस्पताल में, लीवर दिल्ली के एम्स में और दो किडनी में से एक चोइथराम व दूसरी बॉम्बे अस्पताल को दी गई। इन अस्पतालों में इन अंगों के मरीजों को सूचना पूर्व से ही दे दी थी। ये अंग जैसे ही अस्पतालों में पहुंचेंगे, वैसे ही इनके प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।