इंदौर। बहुचर्चित कविता रैना हत्याकांड से बुधवार को पुलिस ने पर्दा तो उठा दिया और आरोपी को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश भी कर दिया, लेकिन लेकिन हत्याकांड की जो कहानी पुलिस सामने लाई है वह किसी के गले नहीं उतर रही है।
पुलिस ने बताया कि शव के टुकड़े चाकू से किए थे, जबकि पहले इससे खुद ही अधिकारी इनकार कर रहे थे। उधर, जिस आरोपी को पहले पुलिस ने हिरासत मेें लेकर 22 दिनों तक कड़ी पूछताछ की थी। उसी आरोपी ने कल गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों में कैसे अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस की कहानी पर एक और सवालिया निशान इसलिए भी लगता है कि आरोपी महेश बैरागी ने प्रेस कांफे्रंस के दौरान ही अपना नकाब उठाकर चिल्लाते हुए कहा था कि पुलिस मुझे फंसा रही है। खैर फिलहाल तो पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश कर इस रहस्य से पर्दा तो उठा ही दिया है। अब आरेपी को पुलिस कोर्ट में पेश कर इस हत्याकांड से जुड़े अन्य राज भी उगलवाएगी।
पुलिस ने कल शाम कविता रैना हत्या कांड का खुलासा करते हुए महेश बैरागी, उसकी पत्नी व एक दोस्त टीकम को कविता की हत्या कर सबूत मिटाने का आरोपी बनाया है। जबकि इसी महेश बैरागी को पुलिस पहले 22 दिन तक हिरासत में रखकर पूछताछ कर चुकी है, पुलिस ने कविता के पति व मां के साथ संदेही महेश का डीएनए टैस्ट भी करवाया था। तब उस पर सारे पुलिसिया तरीके अपनाए गए मगर जब कोई नतीजा नहीं निकला तो दिवाली के एक दिन पूर्व पुलिस ने महेश को छोड़ दिया था।
बुधवार सुबह साड़े चार बजे महेश को मूसाखेड़ी स्थित घर से उठाया गया फिर कुछ ही घंटों की पूछताछ के बाद हत्या का खुलासा होना बताया गया है। पुलिस पहले ही महेश के मोबाइल की कॉल डीटेल्स व टावर लोकेशंस की भी जांच कर चुकी थी, पहले कोई सबूत नहीं मिलने पर उसे छोड़ा गया तो फिर अब उसे ही आरोपी बनाना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
यह था मामला
डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने इस हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए बताया कि कविता पति संजय रैना निवासी मित्र बंधु नगर गत 24 अगस्त 2015 को अपने घर से बेटी को लेने के लिए बस स्टॉप गई थी और वहां से लापता हो गई थी। इसके बाद दो दिनों तक लापता रही कविता की लाश 26 अगस्त को नौलख क्षेत्र में नाले में 6 टुकड़ों में मिली।
इस हत्याकांड से पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी और लोगों में पुलिस के प्रति रोष भी था। कविता की शवयात्रा में भी लोगों ने प्रदर्शन कर हत्यारों को जल्द पकडऩे की मांग की थी। डीआईजी के अनुसार हत्याकांड की जांच का दायरा काफी विस्तृत था, जो जांच आगे बढने पर सिमटता गया और दिन रात मेहनत कर अंतत: आरोपी महेश पिता शंभूदास बैरागी (31) निवासी मूसाखेड़ी को दबोच लिया।
कविता पर पहले से थी नजर
महेश पहले मूसाखेड़ी इलाके में मोबाइल की दुकान चलाता था, लेकिन उसे बंद कर दी थी। उसकी पत्नी मीनाबाई मित्रबंधु नगर में बस स्टाप पर जनरल स्टोर और बुटिक की दुकान चलाती है। वहां किसी वजह से जब महेश ने कविता को देखा तो उस पर नजरें गढ़ा दी। कविता से मेलजोल बढ़ाने के लिए उसने पत्नी की दुकान के सामने 20 अगस्त को 20 हजार रुपए लगाकर साड़ी की दुकान भी खोली जो हत्याकांड के बाद 28 अगस्त को बंद कर दी।
अलग-अलग गाड़ी से पहुंचे
पुलिस के अनुसार कविता ने एक नेट की साड़ी का सूट बनाने के लिए मीना को दिया था, जो 24 अगस्त को तैयार होना था। उस दिन बेटी को लेने निकली कविता पहले मीनाबाई की दुकान पर पहुंची, जहां उसे महेश मिला। महेश ने उसे बताया कि सूट तैयार है और कारीगर के मूसाखेड़ी वाले लेट पर है, आप साथ चलकर ले लें। इस पर महेश और कविता अपनी-अपनी गाड़ी से मूसाखेड़ी के उक्त लेट पर पहुंचे, जो महेश के दोस्त टीकम का था।
सिर पर वार किया
यहां महेश ने कविता को अंदर कर दरवाजा बंद कर लिया और जबर्दस्ती का प्रयास किया। कविता ने इसका विरोध किया, जिस पर आरोपी की एक नहीं चल पाई। इस पर गुस्साए महेश ने वहां पड़े एक लोहे के पाइप से कविता के सिर पर वार करना शुरू कर दिए।
कर दिए शव के टुकड़े
पुलिस के अनुसार लगातार वार से कविता की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने शव काटने का फैसला लिया और तेज धार चाकू से उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए, जिन्हें दो बैग में भर, दोनों बैग को एक अन्य बैग में डालकर तीन इमली स्थित पुलिया से नीचे फेंक दिए, जो 26 अगस्त की सुबह लोगों ने देखे। आरोपी ने इसी बीच कविता की स्कूटी भी नौलखा बस स्टैंड स्थित साइकिल स्टैंड पर रख दी थी।
पति ने की थी पहचान
लाश मिलने की सूचना मिलते ही भंवरकुआ पुलिस मौके पर पहुंची। पास के थाना क्षेत्र से कविता के लापता होने की चर्चा इस दौरान सरगर्म थी। उसी दिन एक महिला की अधजली लाश देवास के बरोठा थाना क्षेत्र में भी मिली थी। पति संजय कुमावत सूचना मिलते ही वहां पहुंचे लेकिन उस शव की पहचान नहीं कर पाए। इसी बीच पुलिस ने उन्हें तीन इमली पुलिया के नीचे महिला का शव बरामद होने की सूचना दी। वे दौड़े-दौड़े मौके पर पहुंचे, जहां टुकड़ों में पत्नी का शव देख फफक पड़े।
शवयात्रा में दिखा आक्रोश
कविता के शव को एकत्र कर पीएम के लिए एमवाय असपताल पहुंचाया गया, जहां से शव शाम को परिजनों को सौंप दिया। शव के मित्रबंधुनगर पहुंचते ही मृतका के परिजनों सहित रहवासियों और समाजजनों में आक्रोश छा गया। शवयात्रा के दौरान बंगाली चौराहे पर शव रखकर इस तरह हत्या करने वाले हैवान को जल्द पकडक़र फांसी देने की मांग हुई।
पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद आश्वासन देकर शवयात्रा रवाना कराई थी। कविता की एक्टिवा 30 अगस्त को नौलखा बस स्टैंड के पार्किंग से मिली। स्टैंड संचालक गाड़ी रखने वाले का नाम राजू बता रहा था, लेकिन उसके भी कहीं फुटेज नहीं मिले।
घरवालों को भी लिया था संदेह के घेरे में
पुलिस ने कविता के घरवालों को भी कई बार संदेह के घेरे में लिया था। परिजनों को कई बार पुलिस ने 24 घंटे पहरे में भी रखा। इसके अलावा पुलिस ने पति और सास का साइकोलॉजिकल टेस्ट किया था। परिजनों के ईर्दगिर्द जांच से आहत पति ने बच्चों के साथ डीआईजी ऑफिस पहुंचकर पुलिस पर परिवार को बदनाम करने और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप भी लगाया था।
इन अनसुलझे पहलुओं में उलझी थी पुलिस
कविता रैना की एक्टिवा नौलखा बस स्टैंड की पार्किंग में मिलना, आरोपी द्वारा गाड़ी को नई बताकर उसे जिद करके लॉक करना, कविता के शव से गहने गायब होना कुछ ऐसे सवाल थे, जो पुलिस के लिए पहेली बन गए थे।
इसे लेकर अफसरों ने बड़े पैमाने पर मंथन किया था। हत्या के बाद हत्यारा चाहता तो एक्टिवा कहीं भी छोड़ सकता था। उसे गाड़ी पार्किंग में खड़ी करने की जरूरत क्यों थी? ऐसा क्या कारण था कि वह गाड़ी को सुरक्षित रखना चाहता था?
कविता की हत्या लूट के लिए नहीं हुई, यह तो तय है। ऐसे में आरोपी ने उसके शरीर से गहने क्यों उतारे? ऐसा कौन आरोपी हो सकता है जो गहने भी ले गया और एक्टिवा को सुरक्षित कर गया? हत्यारे को कविता से जिस भी बात का बदला लेना था, वह हत्या से पूरा हो गया। बाद की यह हरकत हत्यारे ने क्यों की? इसे लेकर कई बातें हैं, जो हत्यारे के बेहद नजदीकी होने की तरफ इशारा करती थी।
सैकड़ों से हुई पूछताछ, नतीजा सिफर रहा
अंतिम संस्कार के दूसरे दिन डीआईजी संतोषकुमार सिंह, एसपी ओपी त्रिपाठी और कल्याण चक्रवर्ती के साथ अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें विचार के बाद अलग-अलग कई दजर्न टीमें बनाकर जांच में लगाया गया। इस दौरान पहले पति, सास, बच्चों और करीबी रिश्तेदारों के बयान लिए गए, इसके बाद पड़ोसी, परिचित, आसपास के दुकानदार, कविता की सहेलियों और उनके परिजनों, ब्यूटी पार्लर संचालिका तक से पूछताछ हुई।
टेक्निकल और साइंटिफिक टीमें लगाई
डीआईजी संतोषसिंह के अनुसार मामले में प्राथमिक जांच में कुछ हासिल नहीं होने पर टेक्निकल और साइंटिफिक टीमें बनाई गई, जिन्हें अलग-अलग बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए गए। इन टीमों ने कविता और उसके पति संजय के शुरू से लेकर अब तक की 500 से ज्यादा स्लाइड बनाई।
इनमें मिलने जुलने वाले, सर्विस प्रोवाइडर जैसे गैसवाला, प्लंबर, इेलक्ट्रिशियन, के साथ किन लोगों से अच्च्छी मित्रता, किन से दुश्मनी, किन लोगों से मनमुटाव आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया। पुलिस ने इस दौरान संजय के इंदौर में पहले किराए से नंदानगर, भागीरथपुरा में रहने और फिर मित्रबंधुनगर में खुद के मकान में शिफ्ट होने तक की जानकारी हासिल की।
कविता मिली 177 लोगों से
दूसरी टीम ने जानकारी दी कि कविता सालभर में 177 लोगों से मिली, जिनमें कुछ घनिष्ठ थे तो कुछ से अनायास मिलना भी शामिल था। इन लोगों की भी पूरी जानकारी पुलिस ने निकाली। जिन पर संदेह था, उनकी जांच की गई, कुछ से पूछताछ भी की गई। लेकिन इतना सब होने के बाद भी हत्यारा पकड़ से दूर था।
हर प्रदर्शन में शामिल था हत्यारा
कविता रैना हत्याकांड के बाद शहरभर में समाज के लोगों और आमजनों ने प्रदर्शन किए थे। इस प्रदर्शन में महेश भी शामिल हुआ था। उसने भी आमजन के साथ आक्रोश जताया था। हर प्रदर्शन में वह परिवार के साथ गया था। यहां तक की वह थाने में भी कई बार गया था।
डीआईजी आफिस भी परिवार के लोगों के साथ गया था। उस पर परिवार के किसी व्यक्ति ने शंका भी नहीं जताई थी। वहीं एक्टिवा नवलखा स्टैंड पर रखना पुलिस को गुमराह करना था, ताकि यह लगे कि कविता यहां से किसी बस में बैठकर अन्यत्र गई है।
2009 का मामला फिर खुलेगा
डीआईजी सिंह ने बताया कि महेश उज्जैन जिले का ही रहने वाला है। उसका चरित्र भी संदेहास्पद है। उसने सगी मौसी की बेटी से शादी की है। वहीं उसकी एक अन्य मौसी की बेटी मेघा की उज्जैन में शादी हुई थी। वह कुछ दिन महेश के यहां रहने आई थी। 2009 में वह यहां से लापता हो गई थी।
संयोगितागंज पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था। रेखा का अब तक कोई पता नहीं चला। डीआईजी सिंह ने बताया कि उक्त मामले को फिर से खोला जाएगा। इसके बाद ही खुलासा हो पाएगा उक्त युवती का क्या हुआ। पुलिस को अब शंका है कि महेश ने उसके साथ कुछ अनहोनी की है।
अश्लील सीडी बनाते पकड़ाया था
संयोगितागंज पुलिस ने महेश बैरागी को 2012 में अश्लील सीडी बनाते हुए मूसाखेड़ी से गिरफ्तार किया था। एक महिला से अश्लील वार्तालाप के मामले में 2013 में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ कई महिलाओं ने छेड़छाड़ की शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने पुलिस में शिकायत नहीं की।
आठ दिन बाद ही दुकान बंद
डीआईजी सिंह ने बताया कि पत्नी की दुकान पर कविता को देख उस पर फिदा हो गया था। महेश की मूसाखेड़ी में मोबाइल की शाप थी। कविता को देखने के बाद उसने वह शाप बंद कर दी और पत्नी की दुकान के सामने साड़ी की दुकान 20 अगस्त को खोली थी। घाटा होने के बाद भी उसने 28 अगस्त को दुकान बंद कर दी। मात्र आठ दिन में उसे हजारों का नुकसान हुआ था। इसके बाद से ही उस पर भी शंका थी।
ऐसे धराया आरोपी
फुटेज मांगने पर पहुंचने पर पुलिस ने खोजबीन कर महेश को पकड़ लिया था। उससे 22 दिन गहन पूछताछ की गई, लेकिन शातिर होने के कारण वह पुलिस के हर जवाब दे रहा था। लेकिन वह पुलिस के राडार में आ चुका था। इस लिहाज से उसे निर्दोष बताकर अधिकारियों ने छोड़ दिया। छोडऩे के बाद उसकी गतिविधियों पर खुफिया तौर पर नजर रखी जाने लगी। इस दौरान उसने कुछ ऐसी हरकतें की, जिससे पुलिस को विश्वास हो गया कि हत्यारा यही हैं।
साइकोलॉजिकल लग रहा आरोपी
महेश के चरित्र को लेकर पुलिस की टीम जांच कर रही है। फिलहाल यह कहा जा सकता है कि वह एक तरह से मनोरोगी हो सकता है। उसके बारे में पता चला है कि जो महिला उसे पसंद आ जाए, उसके लिए वह कुछ भी कर सकता है। बुधवार रात कंट्रोल रूम पर हत्याकांड के खुलासे के बाद जब उसके फोटो लिए जा रहे थे, तब भी उसने शातिरता बताते हुए खुद के निर्दोष होने की बात कही। हालांकि उसी समय पुलिसकर्मी उसे धकाते हुए अंदर कमरे ले गए।
सबूत मिटा दिए थे
आरोपी ने शव के टुकड़े करने के बाद उसके कपड़े और अन्य सबूत जलाकर लश कर दिए, लेकिन चाकू बच गया था। डीआईजी ने कहा कि हमारे इतने पु ता सबूत हैं कि वह कोर्ट से नहीं बच पाएगा। इनमें साइंटिफिक और टेक्निकल के साथ मेन्युअली साक्ष्य भी एकत्र कर लिए गए हैं।
रहवासियों ने ली चैन की सांस
बुधवार शाम हत्याकांड के खुलासे और आरोपी की गिर तारी के बाद मीडियाकर्मी बंधुनगर स्थित संजय रैना के निवास पर पहुंचे। यहां संजय, उनकी माताजी और बेटा-बेटी सहित अन्य समाजजन मौजूद थे। उनके चेहरे पर हत्याकांड के खुलासे की खुशी के साथ गम भी था कि क्या एक औरत की सुंदरता ही उसकी दुश्मन बन सकती है। वहीं कड़ी पूछताछ और जांच से गुजरे आसपास के रहवासियों ने भी चेन की सांस ली।