इन्दौर/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में अंगदान के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने वाले संभागायुक्त संजय दुबे को राष्ट्रीय अंगदान संगठन द्वारा दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, अनुप्रिया पटेल और गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में अभिनेता रणदीप हुड्डा भी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश में अंगदान की यह व्यवस्था अपनाने वाला एकमात्र शहर इन्दौर है, जहां, संजय दुबे के नेतृत्व में इस महानतम कार्य का बीड़ा उठाया गया और शहर में आज से 13 माह पूर्व प्रथम बार ग्रीन कोरिडोर बनाया गया। जिसमें ब्रेन डेड व्यक्ति के उपयोगी जरूरतमंद अंगों को बीमार व्यक्तियों को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है।
सातवें अंगदान दिवस पर बुधवार को दिल्ली के कन्स्टीयूरान क्लब में आयोजित कार्यक्रम में संभागायुक्त संजय दुबे को अंगदान के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया है।
बता दें कि संजय दुबे के नेतृत्व में इन्दौर में 13 माह में 13 बार अंगदान किया गया है और 44 अंगों को नोटा के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्ति को ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग उसके परिवार की सहमति से दान किए गए हैं।
संभागायुक्त दुबे ने स्वयं के प्रयासों से इन्दौर में नोटा के माध्यम से स्वीकृत डाक्टरों की टीम बनाई जो ब्रेन डेड हुए व्यक्ति का परीक्षण करती है और अपनी रिपोर्ट देती है। उसके बाद उनके परिवार से सम्बन्धियों के माध्यम से चर्चा कर उनसे सहमति प्राप्त की जाती है। अनुमति प्राप्त होने के बाद नोटा को इस सम्बन्ध में सूचना दी जाती है।
(नोटा) नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट एसोसिएशन है, वहां रजिस्टर्ड जरूरतमंद व्यक्ति की सूची में प्राथमिकता के आधार पर उस व्यक्ति को ब्लड ग्रुप व अन्य बातें मिलान होने पर ऑर्गन डोनेशन के बारे में सूचित किया जाता है।
संभागायुक्त ने बताया कि इन सब बातों को पूर्ण करने पर ब्रेन डेड व्यक्ति का पूर्ण परीक्षण किया जाता है और स्वस्थ अंगों को सुरक्षित रखने के लिये डॉक्टरों की टीम लगातार परीक्षण करती रहती है। जहां और जिस शहर में अंग भेजे जाना होते हैं, वहां से डॉक्टरों की टीम अंग लेने के लिए आती है।
अंगदान में सबसे उपयोगी समय का प्रबंधन होता है। समयबद्धता के साथ दो घण्टे में प्रत्यारोपित अंगों को पहुंचाना होता है। शहर में ग्रीन कोरिडोर बनाकर और दूसरे प्रदेशों में भेजने के लिए एयर ट्राफिक कन्ट्रोल से सम्पर्क कर भेजा जाता है।