इंदौर। रिमझिम फुहारों में कलश सिर पर धारण करती महिलाएं। भगवान की वेशभूषा में घोड़े और बग्घियों में सवार बच्चे। भजनों पर नाचते-झूमते चलती महिलाएं और श्रीराम और राधाकृष्ण के जयकारा लगाते हुए भक्त। यह माहौल था शहर के पूर्वी क्षेत्र का। जहां सोमवार को वैभव नगर के रहवासियों ने श्रीराम दरबार और राधा-कृष्ण की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तहत भव्य शोभायात्रा निकाली।
वैभव नगर मंदिर निर्माण समिति से जुड़़े महेश राजोरिया, राजेंद्र नागर, पीके श्रीवास्तव एवं प्रदीप बक्षी ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के पूर्वी क्षेत्र वैभव नगर में दुर्गा माता मंदिर की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने पर मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों एवं क्षेत्र के रहवासियों द्वारा श्रीराम दरबार एवं श्री राधा-कृष्ण की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत शोभायात्रा निकाली।
शोभायात्रा में 108 महिलाएं अपने सिर पर कलश धारण कर यात्रा के मार्ग में चल रही थी। शोभायात्रा के अग्र भाग में घोड़े और बग्घियों में भगवान की वेशभूषा में संवार बच्चे यात्रा के मार्ग में मुख्य आकर्षण का केंद्र थे। जगह-जगह विभिन्न मंचों से यात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। शोभायात्रा जिस भी स्थान से निकली वहां के रहवासियों एवं व्यापारियों ने भी यात्रा का स्वागत किया।
शोभायात्रा में सभी भक्त श्रीराम एवं राधा-कृष्ण के जयकारे लगाते हुए यात्रा मार्ग में चल रहे थे। यात्रा वैभव नगर स्थित दुर्गामाता मंदिर से प्रारंभ होकर वैभव नगर ए, बी एवं सी सेक्टर, संचार नगर, आलोक नगर, श्रीकांत पैलेस होते हुए पुन: मंदिर पहुंची जहां यात्रा का समापन हुआ।
शोभायात्रा के पश्चात दुर्गा माता मंदिर में विद्वान पंडि़तों के सानिध्य में मंडल रचना, प्रायश्चित पंचांग कर्म, जलाधिवास के कार्यक्रम संपन्न हुए। महोत्सव के तहत पूरे मंदिर परिसर को विभिन्न किस्मों के पुष्पों एवं आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है।
महोत्सव के तहत दोपहर 3 से 6 बजे वैभवी महिला मंडल द्वारा मंदिर परिसर में भजनों की भी प्रस्तुति दी गई। जिसमें क्षेत्र के रहवासियों सहित कई गणमान्य नागरिक शामिल हुए। दोपहर में शुरू हुई भजन संध्या में शाम तक चली। रात्री में पं. अजय व्यास एवं उनकी मंडली ने संगीतमय सुंदरकांड कर सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वैभव नगर मंदिर निर्माण समिति से जुड़़े महेश राजोरिया ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन दूसरे दिन मंगलवार 12 जुलाई को अन्नाधिवास, फलादिवास, पुण्याधिवास मंडल स्थापना, नव चण्डी पाठ, शयनाधिवास, प्रात: 10.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक होंगे।
वहीं दोपहर 3 से 6 बजे तक भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। जिसमें क्षेत्र के रहवासीयों सहित सैकड़ों भक्त शामिल होंगे। रात्री 8.30 बजे प्रसिद्ध भजन सम्राट विरेंद्र होल्कर की भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार 13 जुलाई को सुबह से शाम तक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। सुबह के सत्र 10.30 से 12 बजे तक स्नान, न्यास विधी, प्राण प्रतिष्ठा, पूर्णाहुति के कार्यक्रम होंगे। एवं दोपहर 3 से 6 बजे भजनों का दौर चलेगा एवं शाम 6 से रात्री 11 बजे तक महाप्रसादी का आयोजन से तीन दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।