जम्मू। रोजगार पैदा करने में लघुतम, लघु तथा मध्यम उद्योगों की भारी क्षमता का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य के औद्योगिक क्षेत्र की बहाली के लिए केन्द्र से अधिक वित्तीय सहयोग तथा तकनीक ज्ञान का आग्रह किया।
उन्होंने जम्मू कश्मीर के लोगों की परेशानियों को उजागर करते हुए कहा कि ये लोग भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण वातावरण का पहला शिकार होते हैं। उनहोंने कहा कि केवल क्षेत्र में स्थायी शांति से ही सरकार लघु उद्योगों सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को बहाल कर राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकती है।
उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय से ही धरती का स्वर्ग कश्मीर हिंसा कें जाल में फंसा हुआ हे। इससे हमारी अर्थव्यव्स्था प्रभावित हुई है और राज्य की पूरी क्षमता के दोहन को रोका है।
मुख्यमंत्री ने यह बात श्रीनगर के कश्मीर हाट में केन्द्रीय मध्यम लघु व लघुतम उद्योग मंत्री कलराज मिश्रा के साथ संयुक्त रूप से पहली राष्ट्रीय खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के उपंरात जनसमुह को सम्बोधित करते हुए कही।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चन्द्र प्रकाश गंगा, विधानमंडल के सदस्य अंजुम फाजली व रमेश अरोड़ा, केवीआईसी के चेयरमैन वी.के. सक्सेना और केंद्रीय एमएसएमई सचिव के.के. जालान भी इस अवसर पर उपस्थित थे ।
भारत के पाकिस्तान के साथ सम्बंधों तथा दोनों के बीच तनाव को कम करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी के प्रयासों पर रोशनी डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने 2003 में कश्मीर को हिंसा से बाहर निकालने की ऐतिहासिक शुरूआत की थी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनके पहले कार्यकाल के दौरान सीमा पर शांति हुई तथा पहली बार भारत तथा पाकिस्तान के बीच सही वार्ता शुरू हुई। उन्होंने कहा कि जब मुज्जफराबाद से नियत्रंण रेखा पार कर सवारियों के साथ बस आई थी तो लोग क्षेत्र में शांति तथा स्थायितत्व के नए दौर की शुरूआत कर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि इन शांति प्रयासों को आगे नहीं बढ़ाया गया।
मुख्यमंत्री ने पुंछ के चक्कन दा बाग तथा उडी में स्लामाबाद से क्रास एलओसी ट्रैड के विस्तार के लिए बैंक व्यवस्था के प्रयासों पर भी बात की। अस्पष्ट बहुमत का संदर्भ देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलने का फैसला लिया जिन्होंने भाजपा के साथ गठजोड़ के कठोर विकल्प को अपनाया।
उन्होंने कहा कि यह तीनों क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व की गांरटी देता है और क्षेत्र में शांति प्रक्रिया को बहाल कर सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों में सम्बंध सुधार से राज्य के लोगों को लाभ होगा।
भारत के अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कद की ओर ध्यान दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने दूरदृष्टि वाले नेताओं की सराहना की जिन्होंने लोकतांत्रिक संस्थानों को सदृढ़ किया। उन्होंने कहा कि यहां पद बोलने की स्वतंत्रता है और अलग अलग विचारों वाले लोग अपनी बात खुल कर रख सकते है।
राज्य की हस्तकला के प्रोत्साहन के लिए केन्द्र का सहयोग मांगते हुए महबूबा मुफ्ती ने समूूहों के गठन की मांग की। उन्होंने कहा कि इस पर केन्द्रीय मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कलराज मिश्रा से इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान का आग्रह किया।
केन्द्रीय मंत्री ने अपने सम्बोधन मे कहा कि खादी प्रदर्शनी से युवा आदमियों को अपने उत्पादों के खरीददार तलाशने मे सहायता मिलेगी। उन्होंने युवा उद्यमियों को केन्द्र की ओर से हर संभव सहायता देने की बात कही और मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान कौशल विकास तथा अन्य मुददों पर चर्चा का संदर्भ भी दिया।
प्रदर्शनी का उद्धाटन करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री के साथ चक्कर लगाकर स्टालों का निरीक्षण किया तथा उद्यमियों के साथ बातचीत की। उन्होंने प्रदर्शित उत्पादों की गुणवत्ता की भी सराहना की।