सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला चिकित्सालय में बुधवार रात को कथित चिकित्सकीय अनदेखी के कारण हुई नवजात बच्ची की मौत का मामला गुरुवार सवेरे फिर से उछला। सवेरे जिला चिकित्सालय में लोगों का एकत्रितकरण हुआ और सभी ने वहां पर इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की। बाद में पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की, लेकिन इसमें आरोप स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि बच्ची की मौत बाल्टी में गिरने से हुई है या हार्टबीट कम होने के कारण।
जिला चिकित्सालय में जावाल निवासी प्रकाश माली की पत्नी गीता देवी की डिलीवरी के दौरान पैदा हुई बच्ची की कथित चिकित्सकीय लापरवाही से मृत्यु होने का आरोप प्रसूता के परिजनों ने लगाया। रात को इस प्रकरण में बीसीएमओ दर्शन ग्रोवर ने पहुंचकर पोस्टमार्टम करवाने और दोषी चिकित्साकर्मियों खिलाफ कार्रवाई को आश्वस्त किया।
रात को परिजनों ने रिपोर्ट नहीं लिखवाई। शुक्रवार सवेरे जैसे ही लोगों को इस मामले की जानकारी हुई जावाल व आसपास के गांवों समेत सिरोही से भी प्रसूता के परिजनों के रिश्तेदार उमडने लगे। यहां पर काफी भीड एकत्रित हो गई। सभी ने चिकित्सकों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की मांग भी की। सभी लोग इसके लिए थाने भी पहुंचे।
भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी और अशोक पुरोहित भी वहां पहुंच गए। उनके सामने भी मामला आया। पुलिस ने पीडिता के पति प्रकाश माली से एफआईआर भी ले ली, लेकिन काफी देर तक यह मामला दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद लोगों में आक्रोश आ गया। सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता इस प्रकरण के दर्ज नहीं होने पर पार्टी पदाधिकारियों व समाज के नेताओं पर भी अपना गुस्सा निकालते दिखे।
बाद में उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप से दोपहर बाद मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जो रिपोर्ट बताई है उसके अनुसार एफआईआर में प्रकाश माली ने यह बताया कि डिलीवरी के समय लेबर रूम में मौजूद दो नर्सें पंकज चारण व शाल्वी ने उनकी मां को बाहर निकाल दिया और डिलीवरी के दौरान वह मोबाइल से खेलती रही।
साथ ही यह भी जोडा कि डाॅ निहालसिंह से उनकी पत्नी का उपचार चल रहा था। चिकित्सालय पहुंचने पर उन्होंने डाॅक्टर निहालसिंह को चेक करवाया तो सोनोग्राफी के बाद उन्होंने बच्चे की धडकन कम होने की बात कही थी। बाद में भर्ती करके वो चले गए। इसमे ये पूर्ण रूप से स्पष्ट नही किया हुआ लगा कि बच्ची की मौत बाल्टी में गिरने से हुई या हार्टबीट काम होने से वो सर्वाइव नही कर पाई।
ऐसे में बच्चे की मौत चिकित्सकीय लापरवाही के कारण डिलीवरी होने पर डिलीवरी टेबल के नीचे रखी बाल्टी में गिरने से हुई या हार्टबीट कम होने से सर्वाइव नही करने के कारण। एफआईआर में पहला आरोप का खंडन दूसरे वक्तव्य करता नजर आ रहा है।
मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आने वाला कॉज ऑफ डेथ का महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वैसे ऐसी हालत होने पर चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मी को प्रसूता का और ध्यान देना चाहिए था। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करके बड़े विवाद को टाल दिया है, इसकी जांच शुरू कर दी है।
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