जयपुर। जाने माने फिल्म अभिनेता इरफान खान ने कहा है हॉलीवुड में जहां स्टोरी पर फोकस होता है, वहीं बालीवुड फैंटेसी व बड़े अभिनेताओं पर केंद्रित होता है।
जयपुर में चल रहे एक सप्ताह के थिएटर फेस्टिवल एयू जयरंगम के दूसरे दिन मंगलवार को जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में कला, थिएटर व फिल्मों पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए इरफान खान ने कहा आत्मविश्लेषण के लिए थिएटर आवश्यक होता है।
उन्होंने बताया कि एक अभिनेता के तौर पर उन्होंने जिन चुनौतियों का सामना किया, उनसे उन्हें स्वयं को निखारने में मदद मिली।
नाटक, साहित्य और मिथक में किन्नर विषय पर आयोजित एक अन्य चर्चा में फिल्म कलाकार व निर्देशक मीता वशिष्ठ ने कहा कि फिल्मों या नाटक में किसी भी किरदार को पूरी तरह निभाने के लिए कलाकार को अपना जेंडर तक भूलना होता है।
उन्होंने परफार्मिंग आर्ट्स को ट्रांसजेंडर स्पेस बताया। ट्रांसजेंडर्स के हक के लिए कार्य कर रही समाजसेवी लक्ष्मी त्रिपाठी ने कहा कि फिल्मों व थिएटर में हमेशा हमारा मजाक बनाया गया है।
किसी भी भारतीय धर्म में किन्नरों को दूर नहीं किया गया है, बल्कि यूरोपियन संस्कृति से प्रभावित इस समाज में हमारी जिंदगी को मुख्यधारा से दूर किया गया है।