ग्वालियर। मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) फर्जीवाड़े मामले की जांच के लिए ग्वालियर आ रहे केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी बिन्दुशेखर झा की तबीयत बिगडऩे पर गुरुवार को यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत स्थिर थी, लेकिन उनकी पत्नी बेहतर इलाज के लिए शुक्रवार को उन्हें दिल्ली ले गई।
सूत्रों के अनुसार झा व्यापम फर्जीवाड़ की जांच के लिए दिल्ली से ग्वालियर बुलाया गया था। वे मालवा एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली से ग्वालियर आ रहे थे तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे झांसी पहुंच गए।
उन्हें रेलवे कर्मचारियों द्वारा झांसी स्टेशन पर उतारा गया। वे झांसी स्टेशन कैसे पहुंचे यह रहस्य बना हुआ। पुलिस सभी पहलुओं को लेकर जानकारी हासिल करने में जुट है, लेकिन पुलिस अभी कुछ भी बताने से बच रही है।
चिकित्सकों से बिन्दुशेखर झा के परिजनों ने जब बात की तो चिकित्सकों ने अभी तीन दिन तक उन्हें निगरानी में ही रखने की सलाह दी। हालांकि बिन्दुशेखर झा की पत्नी विद्या झा अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश दिखीं। इसी के चलते उनका मानना है कि दिल्ली के अस्पताल में उनके पति का बेहतर उपचार हो सकेगा।
झा ने सुबह चाय के साथ हल्का नाश्ता भी किया। उन्होंने चिकित्सकों द्वारा पूछताछ में कहा कि उन्हें याद नहीं कि वह कैसे बेहोश हो गए और उन्हें किसने झांसी में उतारा। ऐसा बताया जा रहा है कि झा मालवा एक्सप्रेस ट्रेन में गहरी नींद में सो रहे थे। वह ग्वालियर उतर नहीं सके।
सेकेड एसी के ए 1 कोच की बर्थ 25 पर जब कोच अटेंडर ने उन्हें सोता हुआ देखा उस समय ट्रेन डबरा से आगे निकल गई थी। कोच अटेंडर ने बिन्दुशंखर झा को झांसी में सामान सहित उतार कर कुर्सी पर बैठा दिया। बाद में वह बेहोशी में ही स्टेशन की सीढिय़ों पर बैठ गए।
जहां जीआरपी और आरपीएफ पुलिस कर्मियों ने पहले उन्हें रेलवे के अस्पताल में भर्ती कराया जहां से उन्हें हालत खराब होता देख ग्वालियर रैफर कर दिया गया। झा अभी भी यह स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहे हैं कि उन्हें किसी ने कुछ दिया था या फिर उन्हें हाईपरटेंशन के चलते ब्रेन हेमरेज जैसा कुछ हुआ।
चिकित्सक भी इस मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि झा को हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की शिकायत थी। इसी के साथ ही उन्होंने दिल्ली से चलते समय शराब की सेवन कर लिया या उन्हें किसी ने कुछ दे दिया और उसी के चलते उन्हें ब्रेन हेमरेज जैसा हो गया।