टोरंटो। निर्देशक खुशबू रांका और विनय शुक्ला की बेहद दिलचस्प डॉक्यूमेंट्री ‘ऐन इनसिग्निफिकेंट मैन’ टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हर किसी की जुबां पर है और फिल्म को लेकर खूब चर्चा हो रही है।
यह फिल्म उस जनआंदोलन को दर्शाती है जो आखिरकार केजरीवाल की नई पार्टी के गठन में तब्दील हुई और 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जबरदस्त बहुमत हासिल की।
भारतीय चुनाव इतिहास में एक महत्वपूर्ण आंदोलन को सिनेमाई तरीके से दर्शाती 100 मिनट अवधि वाली इस फिल्म के 41वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव टीआईएफएफ में प्रदर्शन के बाद अब इसके लंदन, बुसान, साओ पाउलो और वॉरसॉ के महोत्सवों में प्रदर्शित किए जाने की संभावना है। इसके अलावा इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टीवल एस्टर्डम आईडीएफए में भी इसे दिखाया जाएगा।
नवोदित निर्देशक खुशबू ने कहा कि इस फिल्म ने लोगों के दिलों को इसलिए छुआ क्योंकि यह भारत के चुनाव की उर्जा एवं जटिलता को दर्शाती है।
खुशबू और उनकी ही तरह पहली बार निर्देशन की कमान संभाल रहे शुक्ला ने रैलियों, बैठकों को रिकॉर्ड करने में करीब डेढ़ साल का वक्त बिताया।
‘ऐन इनसिग्निफिकेंट मैनÓ के निर्माता आनंद गांधी ने कहा कि यह फिल्म भारत के समकालीन राजनीतिक इतिहास को एक ऐसे रूप में दर्शाती है जिसे अब तक किसी भारतीय फिल्म में नहीं दर्शाया गया था। बहरहाल, खुशबू और शुक्ला दोनों ने ही फिल्म को पूरी तरह निष्पक्ष बताया है।