अजमेर। क्या हम अपने विचारों का पेटेंट करा सकते हैं, क्या हमारे द्वारा बनाए गए उत्पाद का पेटेंट हो सकता है, सरकार आईपीआर को बढ़ावा देने के लिए क्या कर रही है सरीखे कई प्रश्नों के जवाब बौद्विक सम्पदा अधिकार कार्यशाला में सामने आए।
शुक्रवार को स्वामी बैंक्ट हॉल मेे प्रांगण में बौद्विक सम्पदा अधिकार कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें अजमेर लघु उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्ष आरएस चोयल, एमएसएमई-डीआई जयपुर डिप्टी डायरेक्टर विकास गुप्ता, लद्यु उद्योग संघ अजमेर के अध्यक्ष पंकज सिंघल आदि का सान्निध्य मिला।
इस कार्यशाला में प्रमुख उद्योगपतियों, मेम्बरर्स आॅफ एमएमएमई, व्यापारी, चार्टड अकाउण्टेंट व शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों व प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
आर.एस. चोयल ने उद्योगों के लिए अपने व्यवसायिक मार्के को रजिस्ट्रेशन कराना एक महत्वपूर्ण विषय बताते हुए कहा कि नए जमाने में ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड कराए बगैर प्रतिस्पर्धा बाजार में कार्य करना बड़ा मुश्किल है इसलिए हर उद्योगपति को अपने व्यवसायिक मार्के को रजिस्टर्ड कराना चाहिए।
एमएसएमई-डीआई जयपुर के असिसटेंट डायरेक्टर प्रशान्त शर्मा ने कहा कि एमएसएमई द्वारा इस तरह की कार्यशाला का आयोजन कर नए युग में कार्य करने हेतु लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
पृथ्वी सिंह ने अपने टेक्नीकिल सेशन के दौरान पेटेन्ट के रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी दी तथा पेटेंट के फायदों के बारे में बताया। रोहित जैन ने आईपी लाइसेंस के फायदों व ट्रेडमार्क लॉ के बारे में जानकारी दी।
राहुल तनेजा ने डिजाईन रजिस्ट्रेशन व जोग्रोफिकल इण्डिकेशन (जी.आई. टेग) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विकास गुप्ता ने उद्योगपतियों व नई युवा वर्ग को सरकार की योजनाओं के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि एमएसएमई व सरकार लद्यु उद्योगों व युवाओं के लिए कार्य कर रही है।