सूरत। सूरत में व्यापारियों का अपहरण कर उनसे फिरौती वसूलने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के नौ जनों को क्राइम ब्रांच ने गुरुवार गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से दो देशी तमंचे, तीन कारतूस, दो चाकू, क्लोरोफॉम, रुई, रस्सी, सेलोटेप समेत अन्य सामान भी बरामद किया है।
शहर पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया ने बताया कि उत्तरप्रदेश इलाहबाद जिले के दुबावल गांव निवासी उमाशंकर दूबे उर्फ राजा भैया (23), मुबारकपुर गांव निवासी मोहमद ताहिर उर्फ मोबिन सिद्दीकी (23), इलाहबाद निवासी राहुल मोर्या (25), दुबावल निवासी हरिशंकर उर्फ सुब्बा दूबे (25),जौनपुर जिले के दिहइकापुर गांव निवासी दीपक उर्फ दीपु पांडे (25), बिहार के शिवहर जिले के रोहुआ गांव निवासी प्रद्युमन कुमार राजपूत (25) व मदनकुमार राजपूत (24), सूरत अमरोली स्वीट रेसीडेंसी निवासी राजु केशवानी (40), मणीनगर सोसायटी निवासी विवेक उर्फ चिंटू जैन (34) व वरेली गंगा महल अपार्टमेंट निवासी सुमीत उर्फ निक्कु शर्मा (24) पिछले दो वर्षो से अपने अन्य साथियों के साथ मिल कर व्यापारियों का अपहरण कर उनके परिजनों से फिरौती वसूलने के मामलों में लिप्त है।
भेस्तान के व्यापारी का अपहरण किया था
पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने भेस्तान के एक व्यापारी प्रकाश बालूराम शर्मा का अपहरण कर उसके भाई सुरेश शर्मा से 15 लाख रुपए फिरौती वसूल की थी। प्रकाश के बारे में जानकारी मिलने पर उन्होंने उसकी किराने की दुकान की रेकी की लेकिन दुकान पर सीसी टीवी कैमरे लगे होने के कारण उन्होंने वहां से उसका अपहरण करने का विचार छोड़ दिया।
इस बीच उन्हें पता चला कि प्रकाश उसकी कार किराए पर देता है और खुद ही बतौर ड्राइवर साथ जाता था। उन्होंने मनोज पांडे के छद्म नाम से प्रकाश को फोन किया और एक बार उसकी कार किराए पर कीम दरगाह ले गए। उसके बाद उन्होंने फिर फोन किया और 29 मई कतारगाम स्वामीनारायण मंदिर ले जाने के लिए उसकी कार किराए पर ली।
कार में उसे क्लोरोफॉम सुंघा कर बेहोश कर दिया और उसे कडोदरा की तरफ ले गए। जहां एक खेत में उसे दो घंटे तक रखा फिर वरेली साईं वाटिका में किराए पर ली गई खोली पर ले गए।
पुलिस को गच्चा देकर पन्द्रह लाख की फिरौती ले उड़े
वहां प्रकाश को कैद कर उसी के फोन से उसके भाई सुरेश 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। बातचीत के बाद वे 15 लाख में प्रकाश को छोडऩे के लिए तैयार हो गए। इस बीच सुरेश ने पुलिस से संपर्क साधा। इस संबंध में क्राइम ब्रांच ने मामला भी दर्ज किया लेकिन कथिततौर पर प्रकाश की जान खतरे में होने के कारण पुलिस निष्क्रीय रही।
उन्होंने अगले फिरौती की राशी लेकर सुरेश को कडोदरा हाइवे पर बुलाया और उससे पन्द्रह लाख रुपए लेकर प्रकाश को छोड़ दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद वे उत्तरप्रदेश भाग गए। प्रकाश के मुक्त होने के बाद पुलिस हरकत में आई और इलेक्ट्रोनिक सर्वेलंस व मुखबिरों के जरिए गिरोह के बारे में पुरी जानकारी जुटाई।
फिर लौटे और वारदात को अंजाम देने से पहले धरे गए
पुलिस ने बताया कि गिरोह का मुख्यसूत्रधार राजा भैया और उसके साथी प्रद्युमन, मदनकुमार, दीपक, ताहिर व राहुल फिर किसी व्यापारी का अपहरण कर फिरौती वसूलने के इरादे से सूरत लौटे। उन्होंने अपने साथियों की मदद से कतारगाम क्षेत्र के एक लूम कारखानेदार की रेकी की। हालांकि उसका नाम-पता उन्हें नहीं मालूम था लेकिन उन्होंने उसकी मोटरसाइकिल का नंबर ले लिया था।
इनका इरादा था कि वे कारखाने के रास्ते में उसे दबोचेंगे और यदि उसके पास कीमती सामान मिला तो लूट लेंगे। यदि कुछ नहीं मिला तो उसका कार में अपहरण कर उसके परिजनों से फिरौती वसूलेंगे। गुरुवार को इस साजिश को अंजाम देने के लिए वे पूणा पाटिया स्थित गंगा होटल के निकट पहुंचे। वहीं पर घात लगाए बैठी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।