नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय का एक फैसला छोटे निवेशकों और वेतनभोगियों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। खबर है कि शेयर बाजार में नीतिगत ब्याज दर में कमी कर सकती है इतना ही बल्कि रिटायरमेंट सेविंग्स पर ब्याज दर में कमी की जा सकती है।
मीडिया रिपोर्टों और विशेषज्ञों की माने तो बीते छह माह में बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई है, इसलिए एंप्लॉयज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) पर इस साल पिछले वर्ष की तरह 8.8 फीसदी ब्याज ब्याज दर मिलना मुश्किल है।
यही वजह है कि वित्त मंत्रालय पीपीएफ और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत योजना सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी है, जिसमें मार्च के बाद से 0.60-0.70 फीसदी की गिरावट आई है।
बाजार और आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि इस साल ईपीएफ दर में कमी आएगी। कुछ का कहना है कि छोटी बचत योजनाओं की दरों में कमी आनी तय है।