बहराइच। हम भी दरिया है हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ भी चल पड़ेगें रास्ता हो जायेगा। किसी शायर की यह नायब पंक्तिया पुष्पा पर जीवंत हो उठती है। पुष्पा जब एकांत में बैठकर पढ़ाई करती है तो एक नई इबारत लिख देती है और जब आधुनिक युग में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग की बात आती है तो वह अपनी जीवटता के बल पर लोहा मनवाती है।
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बचपन में दोनो हाथों के अक्षम होने पर कुदरत ने उसके दोनो पैरो में वह हुनर दिया कि उसने पैर के अंगूठे के सहारे कलम चलाकर परास्नातक की शिक्षा ग्रहण की। अब यही हुनर उसके कम्प्यूटर के प्रशिक्षण में काम आ रहा है। शरीर से अक्षम लोगों के लिये मिसाल बनकर पुष्पा उभरी है।
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वह खुद एक इंटर कालेज में छात्रों को पढ़ाती है और उनके भविष्य को उज्जवल करने में लगी हुई है। वही इस बार हुए पंचायत चुनावों में लोगों ने इनके हौसले को सलाम करते हुए इन्हें अपना क्षेत्र पंचायत सदस्य भी चुन लिया। इनके साथ काम करने वाले लोग भी इनके इस जज्बे को देखकर इन्हें सलाम करते है और हो भी क्यों न क्योंकि जिस हालात में इन्होंने ये मुकाम हासिल किया उसके लिए ये इसकी हकदार भी है ।
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पड़ोसी जनपद श्रावस्ती के थाना मल्हीपुर क्षेत्र के गाॅव मोगलहा निवासनी पुष्पा सिंह पुत्री भवानी सिंह जीवन में कुछ कर गुजरने के जज्बे को लेकर बहराइच आयी। बचपन से ही वह हम उम्र के बच्चो से अलग थी। जब अन्य बच्चे खेल में मशगूल होते थें। तो वह आकाश में उड़ते पंक्षियो को देखकर हर पर एक नई ऊचाई पर पहुचने का सपना संजोया करती थी। पुष्पा की लगन व दृढ़ इच्छा शक्ति को देखकर उसके माता-पिता भी हमेशा उसकी हौसला अफजाही करते रहते थे।
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पुष्पा ने प्राथमिक शिक्षा गाॅव के ही विद्यालय से ग्रहण की। जैसे-जैसे पुष्पा बड़ी होती गयी, उसमें आत्मनिर्भर होने की व अपनी एक अलग पहचान बनाने की ललक बढ़ती ही गयी। जिसके लिये उसने स्थानीय लाल बहादुर शास्त्री इंटर कालेज में दाखिला लिया। वहा भी पुष्पा शीघ्र ही अपने हुनर व लगन से सहपाठियो के बीच सबकी लाडली बन गयी।
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पुष्पा ने हाईस्कूल व इंटर मीडिण्ट की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। लेकिन अब उसके सामने एक नयी समस्या उत्पन्न होने लगी कि उच्च शिक्षा के लिये क्षेत्र में कोई विद्यालय नही था। आगे की पढ़ाई कैसे होगी। कैसे सपनो को पंख लगा पायेंगे। परंतु पुष्पा ने हार नही मानी।
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रूढि़वादी व परंपरावादी मानसिकताओं को तोड़ कर और अपने माता पिता के नाम को रौशन करने के लिये उसने लगभग 15 सौ आबादी के एक छोटे से गाॅव से निकल कर उच्च शिक्षा लेने के ठानी और भविष्य में आईएएस अफसर बनने का सपना लेकर निकल पड़ी अपने घर से दूर। आज व बहराइच शहर में किराये का मकान लेकर रह रही है।
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पुष्पा ने ठाकुर हुकुम सिंह किसान स्नोत्कर महाविद्यालय से वर्ष 2013 में अंग्रेजी विषय से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की। अंग्रेजी टंकण की प्रतिभा से सम्पन्न पुष्पा जब कप्म्युटर पर अपने पैरो से शब्दो को टाइप करती है तो सबकी निगाहे बरबस ही उस ओर हो जाती है।
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पुष्पा ने लोगो को संदेश दिया कि सफलता का रहस्य कठिन परिश्रम और दृढ़ लगन ही है। असफलता से हतोत्साहित होने की बजाये इंसान को सीखकर आगे बढ़ना चाहिये। कठिन परिश्रम से ही लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। समाजसेवा करने की चाह ने पुष्पा को चुनाव लड़वाया। जिसमें जनता ने उन्हे चुनकर क्षेत्र पंचायत सदस्य बना दिया।
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