अलवर/जयपुर। अलवर जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित पुलिस टीमों ने दो दिन पहले शहर में दो स्थानों पर हुई मोबाइल चोरी की घटनाओं में त्वरित कार्यवाही करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल चोर के गिरोह का पर्दाफाश कर चार चोरों को गिरफ्तार किया है।
इनसे शहर में विभिन्न राज्यों से चोरी किए 35 लाख के मोबाइल के अलावा 3 करोड़ की अन्य चोरी की वारदातों का खुलासा किया है। इस गैंग के तार नेपाल और नॉर्थ ईस्ट देशों से जुडे हुए हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय पारस जैन, डीएसपी जयसिंह नाथावत, शहर कोतवाल गिरधारी लाल शर्मा ने सोमवार को शहर कोतवाली में बताया कि अलवर शहर में 29-30 जुलाई की रात्रि को रोड नं. 2 पर सुपर मोबाइल स्टोर व अग्रसेन मार्ग पर स्थित मोबाइल सोल्युशन की दुकान से शटर तोडक़र अज्ञात चोरों द्वारा विभिन्न कंपनियों के मोबाइलों की चोरी की गई। जिस पर सुपर मोबाइल स्टोर के मालिक नरेश व अलवर मोबाइल सोल्युशन के मालिक तरुण गोयल द्वारा थाने पर रिपोर्ट पेश की गई।
पुलिस ने चोरी की रिपोर्टें दर्ज कर मौके पर एसओजी टीम भेजकर घटनास्थलों का बारीकी से निरीक्षण कराया गया। पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश के आदेशानुसार एडीशनल एसपी पारस जैन, सीओ उत्तर शहर, सीओ बहरोड़ सीओ भिवाड़ी, थानाधिकारी कोतवाली भिवाडी, तिजारा, टपूकडा व स्पेशल टीम में शामिल मानसिंह, सद्दीक, हरविलास, पदम चंद, योगेश, मुरारी व कृष्ण की अलग-अलग टीमें गठित की गई।
गठित टीमों के अथक प्रयास से मुखबीर की सूचना पर दिल्ली में पहाडग़ंज स्थित कलावती अस्पताल के पास से वारदात में काम में ली गई गाडी नं. यूपी-23 टी 5380 व अलवर शहर से चोरी हुए मोबाईलों को जब्त किया गया।
पुलिस ने चोरी के आरोपी राहुल पुत्र नामानाथ प्रसाद निवासी घोडासहन जिला मोतीहारी, बिहार हाल निवासी नवादा मेट्रो स्टेशन के पास नई दिल्ली, संजीव पुत्र देवेंद्र सिंह निवासी गोपालपुर थाना अकबरपुर जिला नबादा, बिहार हाल निवासी एंबुलेंस चालक लडी हॉर्डिंग्स अस्पताल नई दिल्ली, नेपाली उर्फ नेपाली बाबू उर्फ जावेद पुत्र अब्दुल खां निवासी पुलवाडी थाना बाडगांव जिला गोहावती आसाम एवं विक्रम कुमार पुत्र किस्नाथ निवासी धोर साहन लेन थाना घोर साहन पूर्वी चम्पारन बिहार को गिरफ्तार किया गया।
इन आरोपियों के नेपाल व नॉर्थ ईस्ट देशों के अंतर्राष्ट्रीय गिरोह से तार जुड़े हुये है। इनके द्वारा पूर्व में करनाल, झझर, पानीपत, गुडगांव में वारदात की गई। वहां से ये फरार चल रहे हैं। यह गिरोह मोबाईल की दुकानों में चोरी करने से पूर्व रैकी करता है व रैकी करके यह निश्चित करता है दुकान व दुकान के आसपास सीसीटीवी कैमरे या सैंसर लगे हुए है या नहीं।
इसके बाद वे रात्रि को चोरी की घटनाओं को अंजाम देते है। वारदात के बाद नेपाल व नॉर्थ ईस्ट के देशों में बेचते है। जिससे मोबाईल ट्रैकिंग दौरान पकड़ में नहीं आते है। अपने रहने के स्थानों को बार-बार बदलते रहते हैं। पुलिस पूछताछ में इन्होंने खुलासा किया है कि इस तरह की छह गैंग वर्तमान में कार्यरत है। जिसका सरगना अजय नामक व्यक्ति होना बताया है।
इनके भी तारों व ठिकानों को खंगाला जाएगा। जो गोवा, मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर जैसे बड़े शहरों में वारदात को अंजाम देते है। चारों आरोपियों से अब तक 116 विभिन्न कंपनियों के महंगे मोबाइल बरामद हुए हैं। आरोपियों से और वारदातों के खुलने की संभावना है।