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अजमेर/पुष्कर। अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में स्थानीय तथा विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ एवं पशु पालकों की अवाजाही बढऩे से मेले में रौनक आनी शुरू हो गई है। शुक्रवार को 411 पशुओं का रवन्ना कटा।
पुष्कर पशु मेले में खानपुरा के सज्जन सिंह पुत्र किशन सिंह का एक अश्व 3 लाख 11 हजार में बिका जिसे सतारा महाराष्ट्र के समाजी पुत्र सरजे राव ने खरीदा। पुष्कर मेले में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढऩे के साथ ही हर तरफ कैमरे का शटर खोले विदेशी मेहमान नजर आने लगे है।
वे ग्रामीणों और पशु पालकों की जीवन संस्कृति को नजदीक से रूबरू करके अपने कैमरे में कैद करने के लिए आतुर है। उनके द्वारा हर भंगिमा को ध्यान से देखकर अपने गाईड से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए लालायित नजर आ रहे है।
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मेले में पशु पालकों द्वारा घोड़े दौड़ाने तथा ऊंटों को भ्रमण कराने से मेहमान रोमांचित हो रहे है। परम्परागत रंग बिरंगे वस्त्रों में सजी-धजी ग्रामीण संस्कृति मेले में सजीव हो रही है।
यत्र-तत्र अपने खेमों में धोती, अंगरकी तथा पगड़ी के साथ बैठे ग्रामीण पशुओं के मोल-भाव तथा गांव ले जाने वाले सामान के बारे में बातचीत करते नजर आ रहे है। पशु पालकों द्वारा चुल्हें तथा मिट्टी के तवे पर बाजरे की रोटी बनाना विदेशी मेहमानों को रूककर देखने के लिए मजबूर कर देता है।
मेले के रेतीले धोरों पर घोड़ों और ऊंटो ंकी सरपट दौड़ नजर आने लगी है। पशु पालक अपने पशु को प्रशिक्षित करने तथा फेरा दिलाने के लिए सुबह शाम उनकी दौड़ लगाते है। गौ-धूली बैला पर खुरों और तलुवों के द्वारा उड़ाए गए गुब्बार से सहज ही मेले की रौनक दिखने लग जाती है।
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स्थानीय टीम के नाम रहा सतोलिया
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले के दूसरे दिन आयोजित हुए परम्परागत खेल सतौलिया में स्थानीय दल विजयी रहा। उन्होंने विदेशी मेहमानों के दल को 0-2 से शिकस्त दी। विजेता दल को मेला मजिस्ट्रेट हीरालाल मीणा द्वारा सम्मानित किया गया।
इसी प्रकार परम्परागत खेल प्रतियोगिता लंगड़ी टांग का शुक्रवार को पुष्कर पशु मेले में आयोजन हुआ। प्रतियोगिता में भावना धवन प्रथम, श्वेता चन्दावत द्वितीय तथा इंगलैण्ड की सासा तृतीय स्थान पर रही।
पुष्कर मेले में आयोजित ऊष्ट्र श्रृंगार प्रतियोगिता मे झाड़ोप, डीडवाना, नागौर के ऊष्ट्रपालक प्रभुसिंह पुत्र किशन सिंह के केटरीना नामक ऊष्ट्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान संवदड़ा, सीकर के विजेन्द्र पुत्रा गणपत सिंह तथा तृतीय स्थान पर सांवतड़ी, झुंझुनू के महेन्द्र पुत्रा रघुवीर सिंह रहे। ऊष्ट्र नृत्य प्रतियोगिता में झाड़ोल के प्रभु सिंह पुत्रा किशन सिंह का ऊष्ट्र केटरीना प्रथम स्थान पर रहा।
द्वितीय स्थान पर चौलूका नागौर के दानाराम पुत्रा पैमाराम तथा तृतीय स्थान पर सेंदड़ा के विजेन्द्र पुत्रा गणपत सिंह का ऊंट रहा। पशुपालन विभाग द्वारा प्रथम को पांच-पांच हजार, द्वितीय को तीन-तीन हजार तथा तृतीय को दो-दो हजार रूपए का नगद पारितौषिक दिया गया। प्रतियोगिता में सत्रह ऊष्ट्रों ने अपने सर्वांग श्रृंगार का प्रदर्शन किया।
3 लाख 11 हजार में बिका अश्व
पुष्कर पशु मेले में खानपुरा के सज्जन सिंह पुत्र किशन सिंह का एक अश्व 3 लाखा 11 हजार में बिका जिसे सतारा महाराष्ट्र के समाजी पुत्रा सरजे राव ने खरीदा।
पुष्कर मेले में रवन्ना कटने प्रारम्भ
पुष्कर पशु मेले से रवन्ना कटने के साथ पशुओं की रवानगी शुरू हो गई। शुक्रवार को 411 पशुओं का रवन्ना कटा। जिनमें से 30 घोड़े राज्य के अन्दर, 11 राज्य से बाहर तथा 265 ऊंट राज्य के अन्दर, 105 राज्य से बाहर के लिए रवाना हुए। दूसरी तरफ पशुओं की आवक जारी है। शुक्रवार को 470 अश्व वंश, 199 ऊष्ट्र वंश, 104 गौ वंश तथा 12 भेंस वंश की आमद दर्ज की गई। इस प्रकार अब तक 9572 पशुओं की मेले में खूंटा पर्ची काटी गई है। जिनमें से 5138 अश्व वंश, 4011 ऊष्ट्र वंश, 358 गौ वंश, 57 भेंस वंश 6 गधा-गधी तथा 2 बकरा-बकरी है।