मुंबई, 29 जून| महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (एमएसडब्ल्यूसी) ने बाइकुला जेल में 23 जून को उम्रकैद की सजा पाई महिला कैदी की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यों की विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करेगा। एमएसडब्ल्यूसी की अध्यक्ष विजया रहतकर ने कहा कि एसआईटी में एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय की न्यायाधीश, एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और महिला एनजीओ की प्रतिनिधि सदस्य के रूप में होंगी।
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इसी घटना क्रम में राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और पुलिस व बाइकुला जेल के अधीक्षक को घटना पर एक रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। इस मामले में पहले ही जेल के छह कर्मचारी निलंबित किए जा चुके हैं।
रहतकर ने संवाददाताओं से कहा, हम एक दो दिन में तीन सदस्यों की एक एसआईटी बनाएंगे। मैं जेल जाऊंगी और शनिवार (24 जून) को दंगे में पीटी गई कैदियों से बात करूंगी। इसमें इंद्राणी मुखर्जी सहित, सभी जुड़े लोगों का बयान रिकॉर्ड होगा।
इससे पहले उप महानिरीक्षक (जेल) स्वाति साठे ने एमएसडब्ल्यूसी से मुलाकात की और घटना व बीते हफ्ते हुए दंगे पर जेल अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट जमा की।
एमएसडब्ल्यूसी ने जेल प्राधिकारियों को मामले की जांच में सहायता के लिए पीड़ित मंजुला शेट्टी (40) की विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
इंद्राणी मुखर्जी ने घटना को लेकर अपना बयान बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में जमा किया। (THE GREAT KHALI के साथ SUNNYLEONE की तस्वीरें)मुखर्जी ने गुरुवार को नागपाड़ा पुलिस थाने में अदालत के निर्देश के मुताबिक अपनी शिकायत दर्ज कराई।
शेट्टी की शुक्रवार रात को मौत के बाद शनिवार की सुबह नाराज कैदियों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया। कुछ जेल की छत पर चढ़ गए और सड़क पर गुजर रहे लोगों का ध्यान खींचा व कुछ ने जेल में सामान जलाए।
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