मुंबई। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के चेन्नई स्थिति परिसरों में छापे के हिस्से के रूप में सीबीआई ने मंगलवार को पूर्व मीडिया मुगल पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी के वर्ली स्थित घर पर छापे मारे। पति-पत्नी दोनों इस समय जेल में हैं।
सीबीआई की यह कार्रवाई सोमवार को दर्ज की गई एक प्राथमिकी के बाद हुई है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कार्ति ने मुंबई स्थित मीडिया कंपनी आईएनएक्स लिमिटेड के एक एफआईपीबी प्रस्ताव को मंजूर कराने में मदद कर 3.5 करोड़ रुपए लाभ कमाया था। इस मीडिया कंपनी का स्वामित्व मुखर्जी के पास है। जब यह मंजूरी दी गई थी, तब पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे।
प्राथमिकी के अनुसार आईएनएक्स लिमिटेड द्वारा कथित तौर पर दिए गए लगभग 3.5 करोड़ रुपये के बिल उन कंपनियों के पक्ष में थे, जिनमें कार्ति का प्रत्यक्ष या परोक्ष हित जुड़ा हुआ था।
वर्ष 2007 में एफआईपीबी ने आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दे दी थी, और उस समय इसका संचालन मुखर्जी दंपति कर रहे थे। उसके बाद उन्होंने इस कंपनी को बेच दिया, जिसे आज 9एक्स मीडिया के नाम से जाना जाता है।
सीबीआई की प्राथमिकी में आईएनएक्स के तत्कालीन निदेशकों इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के नाम शामिल हैं। दोनों इस समय अप्रैल 2012 के सनसनीखेज शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी हैं और क्रमश: अगस्त और नवंबर से न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।