नई दिल्ली। दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम आईपीएल के नौ सत्रों में कई कप्तानों को बदलने के बावूजद एक बार भी खिताब नहीं जीत पाई है और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान क्या इस बार दिल्ली का भाग्य बदल पाते हैं। यह इस टीम के लिए यक्ष प्रश्न हैं।
दिल्ली डेयरडेविल्स आईपीएल के पहले दो सत्रों के सेमीफाइनल तक पहुंची थी और फिर उसने 2012 के प्लेआफ में जगह बनाई थी। लेकिन यह टीम अब तक एक बार भी फाइनल में नहीं पहुंच पाई है।
दिल्ली ने पिछले कुछ सत्रों में अपनी टीम में काफी फेरबदल किए लेकिन उसका कोई फायदा इस टीम को नहीं मिला पाया है। पिछली बार दिल्ली आठ टीमों में छठे स्थान पर रही थी।
दिल्ली टीम के कप्तान जहीर खान 38 साल के हैं और पिछले आईपीएल के बाद से उन्होंने कोई प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट नहीं खेली हैं। वह टूर्नामेंट के सबसे उम्रदराज खिलाडियों में से एक हैं। देश के सबसे सफल बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जहीर का मानना है कि गेंदबाजी में उनकी भूमिका एक सहायक की रहेगी।
जहीर ने कहा कि यह बड़ा मुश्किल होता है कि आप कोई मैच न खेलें और फिर यहां उतरकर एक पूरा सत्र खेलें। मैं इसे एक चुनौती के रूप में देखता हूं। मैं अपने दैनिक अभ्यास में हमेशा लगा रहता हूं। मैंने दिसंबर के आसपास गेंद उठाई थी और धीरे धीरे अब मैं आईपीएल के नए सत्र के लिए तैयार हूं।
दिल्ली को टूर्नामेंट शुरु होने से पहले अपने दो हाई प्रोफाइल विदेशी खिलाडियों दक्षिण अफ्रीका के भक्वटन डी कॉक और जेपी डुमिनी के चोटों के कारण हट जाने से गहरा झटका लगा है। लेकिन कप्तान का मानना है कि उनके पास युवा बल्लेबाजों की ऐसी फौज हैं जो टीम को अच्छे परिणाम दे सकती है।
डेयरडेविल्स का इस बार सबसे मजबूत पक्ष उसकी तेज गेंदबाजी हैं। दिल्ली ने आस्ट्रेलिया के पैट कमिंस और दक्षिण अफ्रीका के केगिसो रबादा पर काफी पैसा लगाया है। टीम के भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी पूरी तरह फिट है और जहीर के अनुसार शमी पूरे सत्र के लिए उपलब्ध रहेंगे। दिल्ली ने रबादा को पांच करोड़ रूपए की कीमत पर खरीदा था।
दिल्ली के लिए 19 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत तुरुप का पत्ता हो सकते हैं। पंत ने घरेलू क्रिकेट में पिछले सत्र में तिहरा शतक ठोकने के अलावा ढेरों रन बनाकर खुद को साबित किया है।
पंत को भविष्य का स्टार कहा जा रहा है और यह युवा खिलाड़ी आक्रामक बल्लेबाजी करने तथा बड़े छक्के मारने के लिये जाना जाता है। पंत के लिये अंतरराष्ट्रीय खिलाड़यिों के सामने खुद को साबित करना एक बड़ी चुनौती होगी।
दिल्ली के पास कोई बड़ा स्टार खिलाड़ी नहीं है लेकिन उसके पास संजू सैमसन, करूण नायर, रिषभ पंत, जयंत यादव, शाहबाज नदीम, मुरुगन अश्विन और चमा मिभलद के रूप में कई अच्छे घरेलू खिलाड़ी हैं जिन्होंने घरेलू सत्र में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
डेयरडेविल्स के पास सबसे अनुभवी खिलाड़ी के रूप में लेग स्पिनर अमित मिश्रा मौजूद हैं जो 124 विकेट के साथ आईपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। मिश्रा को भारतीय टीम में ज्यादा समय अंदर बाहर ही होना पड़ता है।
मिश्रा ने अपना आखिरी ट्वंटी-20 मैच इस साल के शुरु में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। मिश्रा खुद को साबित करना चाहेंगे कि वह इस समय देश के सबसे अनुभवी लेग स्पिनर हैं। डेयरडेविल्स के पास पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के रूप में एक शानदार मेंटर मौजूद हैं।
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि द्रविड़ टीम के युवा भारतीय खिलाड़यिों को कितना प्रेरित कर पाते हैं। द्रविड़ ने कई युवा भारतीय खिलाड़यिों को नजदीक से देखा है और यदि वह इन खिलाड़यिों को प्रेरित कर गए तो दिल्ली के भाग्य का छींका फूट सकता है।