नई दिल्ली। पैसों को लेकर प्रशासनिक रस्साकशी के कारण हाल में चर्चा में रहा इंडियन प्रीमियर लीग आईपीएल का दसवां सत्र जब शुरू होगा तो क्रिकेट प्रेमियों को धूमधड़ाके और रोमांच से परे इस टी20 लीग में विराट कोहली और कई अन्य स्टार खिलाडिय़ों की विराट उपस्थिति की निश्चित तौर पर कमी खलेगी।
कोहली सहित कई भारतीय खिलाड़ी या तो पूरे टूर्नामेंट में या फिर से शुरूआती चरण में नहीं खेल पाएंगे जिससे इसकी चमक कुछ फीकी पड़ गई है।
यहां तक कि इस बार के टूर्नामेंट को पहले ही कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कई राज्य इकाइयों ने यह कहकर मैचों के आयोजन में असमर्थता जता दी थी कि उनके पास इसके लिये पर्याप्त धनराशि नहीं है। इसके बाद उच्चतम न्यायालय से नियुक्ति प्रशासकों की समिति सीओए ने यह मसला सुलझाया।
सीओए के पास अब अधिकारियों पर नजर रखने की अहम जिम्मेदारी होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टूर्नामेंट के दौरान इस तरह की कोई परेशानी खड़ी नहीं हो।
अगर क्रिकेट से जुड़े मसले की बात करें तो यह अगले सप्ताह ही पता चल पाएगा कि कोहली रायल चैलेंजर्स बेंगलूर की तरफ से कब खेलने के लिए मैदान पर उतरेंगे क्योंकि वह अब कंधे की चोट से जूझ रहे हैं। हैदराबाद में कल जब आरसीबी और मौजूदा चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद की टीमें उदघाटन मैच में आपस में भिड़ेंगी तो भारतीय कप्तान की कमी उसमें स्पष्ट रूप से खलेगी।
पिछले सत्र में कोहली ने लगभग 1000 रन बनाए थे और उन्होंने जो चार शतक लगाये थे वे सभी बेहतरीन थे। उनके नाम पर अभी आईपीएल में सर्वाधिक 4110 रन भी दर्ज हैं।
जिस अन्य खिलाड़ी की शुरूआती मैच में कमी खलेगी वह दक्षिण अफ्रीका के सदाबहार एबी डिविलियर्स हैं जो कि पीठ दर्द से परेशान हैं और अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह कब तक आईपीएल के लिए उपलब्ध होंगे।
कोहली और डिविलियर्स की अनुपस्थिति में आरसीबी की बल्लेबाजी की जिम्मेदारी धाकड़ क्रिस गेल पर रहेगी। अगर वेस्टइंडीज का यह बल्लेबाज चल जाता है तो फिर आरसीबी को रोकना आसान नहीं होगा। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि 12 करोड़ रूपये में खरीदा गया टी20 विशेषज्ञ टाइमल मिल्स क्या कमाल करता है और कार्यवाहक कप्तान शेन वाटसन उनका कैसे उपयोग करते हैं।
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अगर अन्य टीमों की बात करें तो राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स आरपीएस को आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की कमी खलेगी। लेकिन सभी की निगाह बेन स्टोक्स पर टिकी रहेंगी जिन्हें पुणे ने 14.5 करोड़ रूपये में खरीदा। ‘बिग बेनÓ यानि स्टोक्स की प्रत्येक गेंद और प्रत्येक रन की तुलना उन्हें मिलने वाली धनराशि से की जाएगी।
महेंद्र सिंह धोनी से भले ही कप्तानी छीन ली गई हो लेकिन पुणे के लिये वह फिर आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इसके अलावा फिर से चेन्नई की टीम से जुडऩे से पहले धोनी किसी अन्य टीम के साथ एक और ट्राफी अपने नाम करने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहेंगे।
पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ और फाफ डुप्लेसिस पिछले साल चोटिल हो गये थे और उसकी भरपायी वे इस बार करना चाहेंगे।
मुंबई इंडियन्स की बात करें तो कप्तान रोहित शर्मा की शीर्ष क्रम में फार्म न सिर्फ उनकी फ्रेंचाइजी बल्कि भारतीय टीम के लिए भी काफी मायने रखती हैं क्योंकि भारत को इसके बाद इंग्लैंड में चैंपियन्स ट्राफी के खिताब का बचाव करने के लिए उतरना है। जोस बटलर के करारे शाट और हरभजन सिंह का अनुभव भी टीम के लिए काफी मायने रखता है।
कोलकाता नाइटराइडर्स काफी हद तक अपने चार बल्लेबाजों गौतम गंभीर, सूर्य कुमार यादव, रोबिन उथप्पा और मनीष पांडे के प्रदर्शन पर निर्भ है। यूसुफ पठान अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेंगे।
आंद्रे रसेल पर एक साल का प्रतिबंध लगने के कारण केकेआर का संयोजन गड़बड़ा गया है। लेकिन उमेश यादव के मैदान पर लौटने तक तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल पिचों पर क्रिस वोक्स और ट्रेंट बोल्ट को उपयोग किए जाने की संभावना है।
किंग्स इलेवन पंजाब को मुरली विजय की कमी खलेगी लेकिन उसके लिए यह अच्छी खबर है कि कप्तान ग्लेन मैक्सवेल फार्म में लौट आए हैं।
वीरेंद्र सहवाग टीम के मेंटर हैं और वह चाहेंगे कि मनन वोहरा, मार्कस स्टोनिस और रिद्विमान साहा बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन करें। इसके अलाव टी नटराजन जैसा युवा तेज गेंदबाज भी अपना चयन सही साबित करना चाहेंगे।
गुजरात लायन्स के कप्तान सुरेश रैना के लिए यह महत्वपूर्ण सत्र है क्योंकि उन्हें एकदिवसीय टीम और केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया है। टीम की बात करें तो रविंद्र जडेजा के अनुपस्थित रहने तक ड्वेन ब्रावो को आलराउंडर की भूमिका में अधिक जिम्मेदारी निभानी होगी।
दिल्ली डेयरडेविल्स ने फिर से टीम के चयन में कोई चतुराई नहीं दिखायी है। इसके अलावा उसके कुछ स्टार खिलाड़ी भी चोटिल हो गए हैं जिससे वह टूर्नामेंट की सबसे कमजोर टीम बन गई है।
क्विंटन डिकाक की कमी उसे बहुत खलेगी और टीम मेंटर राहुल द्रविड़ भी यह स्वीकार कर चुके हैं। उसका दारोमदार अब तेज गेंदबाजों जहीर खान, मोहम्मद शमी, क्रिस मौरिस, पैट कमिन्स और कैगिसो रबाडा पर टिका रहेगा।
कोटला के विकेट पर अमित मिश्रा ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। लेकिन बल्लेबाजी में उसका दारोमदार करूण नायर और रिषभ पंत पर रहेगा। श्रेयस अय्यर के बाहर होने से टीम के पास कोई भरोसेमंद बल्लेबाज भी नहीं है।
मौजूदा चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद की अगुवाई फिर से डेविड वार्नर करेंगे। उसकी टीम लगभग पहले जैसी ही है जिसमें युवराज सिंह, दीपक हुड्डा और शिखर धवन शामिल हैं। पूरी तरह फिट होने पर आशीष नेहरा और मुस्तफिजुर रहमान कहर बरपा सकते हैं।