नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग की गवर्निग काउंसिल की ओर से बुधवार को लिए गए फैसले के तहत दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी की अगले साल लीग में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के रूप में वापसी हो सकती है।
आईपीएल गवर्निग काउंसिल की बुधवार को बीसीसीआई प्रशासकों की समिति के साथ हुई बैठक में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की वापसी को स्वीकृति मिल गई है।
ऐसे में धोनी के अलावा इन टीमों के कई उच्चस्तरीय खिलाड़ियों को अगले साल होने वाली लीग में मैदान पर उतरते देखा जा सकता है। चेन्नई फ्रेंचाइजी धोनी, सुरेश रैना और न्यूजीलैंड के दिग्गज हरफनमौला खिलाड़ी ब्रैंडन मैक्लम को टीम में बुला सकती है। टीम में वेस्टइंडीज के स्टार ड्वेन ब्रावो की भी वापसी हो सकती है।
इसी तरह, राजस्थान रॉयल्स आस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी जेम्स फॉकनर और शेन वाट्सन, सलामी बल्लेबाज एरॉन फिंच और भारतीय स्टार खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे को टीम में बरकरार रख सकती है।
उल्लेखनीय है कि चेन्नई और राजस्थान की टीमों को स्पॉट-फिक्सिंग मामले के कारण निलंबित कर दिया गया था। इनके स्थान पर आईपीएल में राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स और गुजरात लायंस को शामिल किया गया था।
इस बैठक में लीग में वापसी करने वाली टीमें चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स राइट टु मैच क्लॉज के इस्तेमाल से 2015 संस्करण में खेलने वाले खिलाड़ियों में से पांच को अपनी टीम में बरकरार रख सकती हैं।
इन दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने इस साल आईपीएल के संस्करण में पुणे सुपरजाएंट और गुजरात लायंस की टीमों का प्रतिनिधित्व किया था।
इसके अलावा, बैठक में लिए गए एक अन्य फैसले के तहत हर फ्रेंचाइजी 2018 संस्करण के लिए अपनी टीम में पांच खिलाड़ियों को बरकरार रख सकती है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा कि आईपीएल की टीमें प्लेयर रिटेंशन (नीलामी से पहले) और राइट टु मैच (नीलामी के दौरान) के अधिकारों का संयुक्त रूप से इस्तेमाल कर अपने पांच खिलाड़ियों को अगले संस्करण के लिए बरकरार रख सकती हैं।
इन दोनो वर्गो में तीन से ज्यादा खिलाड़ियों को बरकरार नहीं रखा जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि अगर कोई फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी को सीधे तौर पर बरकरार नहीं रखना चाहती है, तो उसको भी नीलामी के दौरान राइट टू मैच के तहत तीन ही खिलाड़ियों को बरकरार रखने की छूट होगी।
आईपीएल फ्रेंचाइजी सर्वाधिक तीन भारतीय खिलाड़ियों और दो विदेशी खिलाड़ियों को अपनी टीम में बरकरार रख सकती है। इसके अलावा, फ्रेंचाइजी दो नए भारतीय खिलाड़ी भी टीम में बरकरार रख सकती है।
2018 संस्करण के लिए हर टीम के पास 80 करोड़ रुपए की धनराशि (सैलरी कैप) होगी। अगले दो संस्करणों में इस धनराशि में दो और तीन करोड़ रुपए का इजाफा होगा।
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