नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-2013 से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को आरोपमुक्त कर दिया।
राजस्थान रॉयल्स टीम से जुड़े तीन खिलाडिय़ों को दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। बीसीसीआई द्वारा आजीवन प्रतिबंध की सजा झेल रहे चव्हाण और श्रीसंत जमानत पर रिहा हो गए थे लेकिन चंदीला को जमानत नहीं मिली थी।
इससे पहले, आईपीएल-6 से जुड़े सट्टेबाजी मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजियों को 14 जुलाई को दो साल के लिए निलंबित कर दिया।
इसके अलावा सुपर किंग्स के पूर्व टीम अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सभी क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा लेने से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सट्टेबाजी के दोषी पाए गए दोनों व्यक्तियों को इसके अलावा हर तरह की क्रिकेट गतिविधियों से पांच वर्ष के लिए अलग से प्रतिबंधित किया गया है।
घटनाक्रम पर एक नजर
16 मई, 2013 : दिल्ली पुलिस ने श्रीसंत, अंकित चव्हाण, अजीत चंदिला, श्रीसंत के एक मित्र और संदिग्ध सट्टेबाज जीजू जनार्दन के अलावा 10 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
17 मई, 2013 : बीसीसीआई ने राजस्थान रॉयल्स के पूर्व खिलाड़ी अमित सिंह को निलंबित किया।
20 मई, 2013 : राजस्थान रॉयल्स ने तीनों आरोपी खिलाडिय़ों के करार रद्द किए।
21 मई, 2013 : मुंबई पुलिस ने बिंदु दारा सिंह को सट्टेबाजों से संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया।
23 मई, 2013 : मुंबई पुलिस दल ने चेन्नई स्थित मयप्पन के आवास पर छानबीन की।
24 मई, 2013 : मुंबई पुलिस ने सट्टेबाजी, धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने के आरोप में मयप्पन को गिरफ्तार किया। इंडिया सीमेंट्स के कार्यकारी अध्यक्ष टी. एस. रघुपति ने कहा कि मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स के न तो मालिक हैं, न ही सीईओ हैं और न ही टीम प्रिंसिपल हैं, बल्कि वह केवल एक क्रिकेट प्रेमी हैं।
26 मई, 2013 : बीसीसीआई ने मयप्पन के खिलाफ सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए न्यायाधीश टी. जयराम चौटा, न्यायाधीश आर. बालासुब्रमण्यम और बीसीसीआई के सचिव संजय जगदाले वाली तीन सदस्यीय समिति गठित की।
28 मई, 2013 : श्रीसंत, अजित और अंकित को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया। अंकित को अपने विवाह के लिए छह जून तक जमानत मिल गई।
31 मई, 2013 : बीसीसीआई के सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने इस्तीफा दिया।
1 जून, 2013 : आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने इस्तीफा दिया।
2 जून, 2013 : बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन अस्थायी तौर पर पद से हटे। जगमोहन डालमिया ने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभाला।
10 जून, 2013 : बीसीसीआई ने कुंद्रो को निलंबित किया। श्रीसंत और दो अन्य आरोपियों को जमानत मिली।
28 जून : दो सदस्यीय समिति ने अपना फैसले में कहा कि कुंद्रा, मयप्पन, इंडिया सीमेंट्स और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ किसी तरह के गड़बड़ी के सबूत नहीं हैं।
30 जुलाई, 2013 : बंबई उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति को अवैध करार दिया।
1 अगस्त, 2013 : बंबई उच्च न्यायालय ने मयप्पन और कुंद्रा को क्लीन चिट देने वाली दो सदस्यीय समिति के फैसले को खारिज किया।
31 अगस्त, 2013 : सुप्रीमकोर्ट ने बीसीसीआई, श्रीनिवासन, उनकी कंपनी इंडिया सीमेंट्स और राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ नोटिस जारी किया।
13 सितंबर, 2013 : श्रीसंत और चव्हाण पर बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगाया, जबकि अमित सिंह पर पांच वर्ष का प्रतिबंध लगाया गया।
22 सितंबर, 2013 : मुंबई पुलिस ने मयप्पन और अंपायर असद रऊफ के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर आरोप-पत्र दाखिल किया।
8 अक्टूबर, 2013 : सुप्रीमकोर्ट ने उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की।
10 फरवरी, 2014 : मुद्गल समिति ने मयप्पन को सट्टेबाजी और आईपीएल-6 के दौरान टीम से जुड़ी जानकारियां लीक करने का दोषी पाया। जांच में मयप्पन के सुपर किंग्स का टीम अधिकारी होने की भी पुष्टि हुई।
28 मार्च, 2014 : सुप्रीमकोर्ट ने श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने का आदेश दिया और सुनील गावस्कर को बीसीसीआई और आईपीएल-7 का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया।
16 अप्रैल, 2014 : सुप्रीमकोर्ट ने श्रीनिवासन की बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे की याचिका खारिज कर दी।
29 अप्रैल, 2014 : बीसीसीआई ने घोटाले की जांच के लिए सुप्रीमकोर्ट के समक्ष तीन सदस्यीय समिति गठित करने का सुझाव रखा।
22 अप्रैल, 2014 : सुप्रीमकोर्ट ने मुद्गल समिति से आईपीएल घोटाले की जांच के लिए पूछा।
3 नवंबर, 2014 : मुद्गल समिति ने सुप्रीमकोर्ट को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
27 नवंबर, 2014 : सुप्रीमकोर्ट ने मुद्गल समिति की रिपोर्ट में उल्लिखित व्यक्तियों को बीसीसीआई चुनाव से दूर रहने के लिए कहा और चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी रद्द करने का सुझाव दिया।
1 दिसंबर, 2014 : सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि सब कुछ श्रीनिवासन के हितों के टकराव की स्थिति में न होने पर निर्भर है।
10 दिसंबर, 2014 : श्रीनिवासन ने आईपीएल से दूरी बनाए रखने पर सहमति जताई और बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर लौटने के लिए सुप्रीमकोर्ट से अनुमति मांगी।
17 दिसंबर, 2014 : सर्वोच्च न्यायालय ने वाणिज्यिक हित रखने वाले खिलाडिय़ों और प्रशासकों से खेल संघों से दूर रहने के लिए कहा और सट्टेबाजी तथा मैच फिक्सिंग मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
22 जनवरी, 2015 : सर्वोच्च न्यायालय ने श्रीनिवासन पर बीसीसीआई चुनाव लडऩे से रोक लगा दी।
22 जनवरी, 2015 : सर्वोच्च न्यायालय ने मयप्पन, कुंद्रा और उनकी फ्रेंचाइजियों के खिलाफ सजा तय करने के लिए देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की।
11 जुलाई, 2015 : तीन सदस्यीय समिति ने दोषियों के खिलाफ सजा सुनाने की तारीख की घोषणा की।
14 जुलाई, 2015 : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति ने चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजियों को दो वर्ष के लिए निलंबित किया। साथ ही सुपर किंग्स से जुड़े गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा पर सभी प्रकार की क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा लेने से आजीवन प्रतिबंध लगाया।