लंदन। ब्रिटिश रक्षा मंत्री माइकल फैलोन ने शनिवार को कहा कि इराक युद्ध में शमिल रहे ब्रिटिश जवानों पर लगे आरोपों की चल रही जांच शीघ्र बंद कर दी जाएगी। यह जानकारी मीडिया रपटों से मिली।
रक्षा मंत्री फैलोन ने कहा कि इराक युद्ध ऐतिहिसक आरोप टीम (आईएचटी) इस साल गमिर्यों में जांच बंद कर देगी और बचे हुए मामले नौसेना पुलिस को सौंप दी जाएगी।
बीबीसी के अनुसार इस जांच पर अब तक 3.4 करोड़ पाउंड खर्च कए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सका है। सांसदों ने भी इसे घोर नाकामी का तमगा दिया है।
उल्लेखनीय है कि इराक के नागरिकों के आरोपों की जांच के लिए साल 2010 में आईएचटी का गठन किया गया था। एक जांच के बाद मानवाधिकार अधिवक्ता फिल शाइनर के व्यवहार पर सवाल उठाए जाने के बाद जांच बंद करने का फैसला लिया गया है।
शाइनर शोषण के कई आरोपों की जांच कर रहे हैं। अब निष्क्रिय हो चुकी लॉ फर्म पब्लिक इंटरेस्ट लायर्स से जुड़े शाइनर को जांच से हटा दिया गया है।
रक्षा मंत्री माइकल फैलोन ने कहा कि शाइनर की बेईमानी उजागर होने का तात्पर्य है कि उनके कई दावों को खारिज कर दिया जाएगा और यह आईएचटी की अंत की शुरुआत होगी।
फैलोन ने आगे कहा कि यह हमारे सैनिकों के लए राहत की बात होगी, क्योंकि उनके खिलाफ लंबे अरसे से जांच से जांच चल रही थी। अब हम अपनी कानून व्यवस्था के दुरुपयोग रोकने के लिए आवश्यक कदम भी उठा रहे हैं।
ब्रिटिश सांसदों ने शुक्रवार को कहा था कि आईएचटी सशत्र बलों की चिंताओं को लेकर बेपरवाह है, इसलिए जांच बंद कर देनी चाहिए।
रक्षा समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार पर्याप्त सबूत नहीं होने के बावजूद इईएचटी ने सुनवाई के लिए साढ़े तीन हजार से अधिक मामले स्वीकार किए थे।