नई दिल्ली। भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने एक बार फिर अर्जुन अवार्ड न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है और उनका नाम अवार्ड के लिए न भेजने पर अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) को आड़े हाथों लिया है।
भारत के शीर्ष पुरुष टेनिस खिलाड़ियों में से एक बोपन्ना ने शनिवार को एक बयान में कहा कि हम पेशेवर टेनिस खिलाड़ी देश का मान बढ़ाने में काफी मेहनत करते हैं। इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है लेकिन अगर इसमें टेनिस संघ अपना काम ठीक से न करे तो यह न सिर्फ अनुचित है बल्कि इससे हमारी कुछ पाने की उम्मीदों को भी झटका लगता है।
अर्जुन अवार्ड के लिए नामांकन भेजने की आखिरी तारीख 28 अप्रेल थी, लेकिन एआईटीए ने उनका नाम 14 जून को भेजा था जब वह कनाडा की अपनी महिला जोड़ीदार गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ फ्रेंच का मिश्रित युगल खिताब जीत कर आए थे।
एआईटीए ने उनकी जगह 2014 इंचोन एशियन गेम्स में दो पदक जीतने वाले साकेत मेयनेनी का नाम अवार्ड के लिए भेजा था।
उन्होंने कहा कि अर्जुन अवार्ड एक खिलाड़ी को मिलने वाला काफी प्रतिष्ठित अवार्ड है। यह सिर्फ सम्मान नहीं है जो आपको मिलता है। साथ ही यह आपके द्वारा की गई मेहनत का प्रतिदान है। एक खिलाड़ी द्वारा घंटों की गई मेहनत का यह सम्मान प्रतिक्रिया है। यह खिलाड़ी के धैर्य और गंभीरता को पहचानना है।
उन्होंने कहा कि मैं साकेत मेयनेनी को यह अवार्ड मिलने पर बधाई देता हूं। मैंने उनको आगे बढ़ते देखा है इसलिए मुझे उन पर गर्व है।
बोपन्ना ने एआईटीए के बारे में कहा कि मैं समय सीमा के अंदर मेरा नाम न भेजने के लिए एआईटीए की निंदा करता हूं। मैंने अतीत में भी इस तरह के कई बहाने देखे हैं।