पटना। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के पटना क्षेत्रीय कार्यालय में ईडी की टीम ने करीब सात घंटे पूछताछ की।
निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि ईडी अधिकारियों की एक टीम ने राबड़ी से रेलवे होटल ठेका मामले और फर्जी कंपनियां बनाने के संबंध में कई प्रश्न पूछे। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान ईडी के कई सवालों को राबड़ी देवी टाल गईं या हां और ना में जवाब दिया।
राबड़ी पूर्वाह्न 11:30 बजे अपने आवास से निकलीं और यहां ईडी कार्यालय पहुंचीं। इस दौरान उनके साथ उनकी बेटी और सांसद मीसा भारती भी थीं। पूछताछ के बाद ईडी ऑफिस से बाहर निकली राबड़ी ने सुबह की तरह पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। चुपचाप गाड़ी में बैठकर चली गईं।
इस क्रम में लालू प्रसाद ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि ईडी का काम है पूछताछ करना। ईडी पूछताछ करेगी, परंतु हम लोग किसी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राबड़ी आठ समन के बाद शनिवार को ईडी कार्यालय पहुंचीं। इससे पूर्व राबड़ी ने सार्वजनिक रूप से एजेंसी के अधिकारियों को चुनौती देते हुए कहा था कि जिन्हें भी उनसे पूछताछ करनी है, वह पटना में आकर पूछताछ करें। इसके बाद ईडी ने यह कदम उठाया है।
ईडी ने पहले उनके बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से 13 नवंबर और 10 अक्टूबर को दो बार पूछताछ की थी। ईडी तेजस्वी, उनके पिता लालू प्रसाद और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धनशोधन कानून (पीएमएलए) के तहत मामले में अनियमितताओं की जांच कर रही है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 27 जुलाई को केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा एफआईआर के तहत पीएमएलए के अंतर्गत एक मामला दर्ज किया था। वह कथित फर्जी कंपनियों के माध्यम से हस्तांतरित किए गए धन की जांच कर रहा है।
सीबीआई ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ पांच जुलाई को भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। इसमें 2006 में रांची और पुरी में भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के आवंटन अनुबंध में कथित अनियमितताएं पाई गई थीं। यह ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था। उस वक्त लालू रेल मंत्री थे।
सीबीआई का कहना है कि ठेका संजय विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली एक कंपनी सुजाता होटल को दिया गया था, जिसने कथित तौर पर पटना में एक भूखंड को बतौर रिश्वत दिया था।
इसके अलावा इस मामले में राजद नेता प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी़ के.गोयल को सह-आरोपी बनाया गया है।