नई दिल्ली। महाराष्ट्र पुलिस ने भारतीय रेलवे को भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट की संदिग्ध हैकिंग और डेटा चोरी के संबंध में सूचित किया है। हालांकि आईआरसीटीसी ने हैकिंग की खबरों का खंडन किया है।
आईआरसीटीसी देश की सबसे बड़ी पर्यटन ई-कॉमर्स वेबसाइट है, जहां प्रतिदिन लाखों का लेन-देन होता है। वेबसाइट पर बहुत सारी संवेदनशील जानकारी उपलब्ध है जैसे ग्राहकों के पैन कार्ड नंबर, उनकी सुरक्षा और अन्य ऐसी व्यक्तिगत जानकारी। ऐसे में वेबसाइट हैक होने की खबरों के चलते लाखों यूजर्स का डाटा चोरी होने की आशंका जताई जा रही है।
आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने आईआरसीटीसी को वेबसाइट से डेटा चोरी के विषय में सूचित किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने पुलिस से संबंधित डेटा मांगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी बनाई गई है।
इस बीच रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ई-टिकटिंग प्रणाली के यूजर प्रोफाइल डेटा से ई-मेल और मोबाइल नंबर लीक होने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हर चीज पूरी तरह सुरक्षित है।
आईआरसीटीसी की टिकट बुक करने वाली वेबसाइट को न तो हैक किया गया और न ही कोई सूचना लीक हुई है और हर चीज सुरक्षित है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी जमशेद उन खबरों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे जिनमें महाराष्ट्र के साइबर अधिकारियों का हवाला देते हुए आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग प्रणाली के यूजर प्रोफाइल डेटा से ई-मेल और मोबाइल नंबरों के कथित तौर पर लीक होने की बात कही गई थी।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सुरक्षा प्रणाली की दो बार समीक्षा की गई है। रेलवे ने सूचनाओं की संभावित चोरी पर रोक लगाने के लिए तीन मई को एक समिति बनाई थी जिसमें साइबर विशेषज्ञ और आईआरसीटीसी एवं सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) के सतर्कता अधिकारियों को शामिल किया गया था। समिति ने सूचनाओं की चोरी का कोई मामला नहीं पाया।
जमशेद ने कहा कि समिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है और किसी लीक की कोई बात सामने नहीं आई है। हम लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। भारतीय रेलवे की आईटी शाखा ‘क्रिस’ द्वारा ई-टिकटिंग प्रणाली का प्रबंधन किया जाता है। सूचना केंद्र क्रिस के परिसर में ही है।
रेलवे के मुताबिक सूचनाओं की संभावित चोरी की खबर दो मई को सामने आई और इसकी सत्यता परखने के लिए विस्तृत जांच कराई गई। बहरहाल, क्रिस और आईआरसीटीसी की तकनीकी टीमों को ऐसे किसी मामले का पता नहीं चला है।