मुंबई। अब तक पाकिस्तान में ही हिंदी फिल्मों को बैन किया जाता रहा है, लेकिन बांग्लादेश में तो वहीं के फिल्मकार द्वारा बनाई गई फिल्म को बैन कर दिया गया है।
इरफान खान को लेकर बनी बांग्लादेश फिल्मकार मुस्तफा सरवर फारुकी की फिल्म नो बैड रोजेज को बैन कर दिया गया है। इरफान इस फिल्म के सह निर्माता भी हैं।
खबरों के मुताबिक इस फिल्म को वहां की सरकार ने इसलिए बैन किया, क्योंकि इसे एक बायोपिक फिल्म माना गया। चर्चा रही कि ये एक बायोपिक फिल्म है, जो वहां के मशहूर लेखक और फिल्मकार हुमायूं अहमद पर बताई गई।
हुमायूं अहमद के बारे में कहा जाता है कि शादी के 27 साल के बाद उन्होंने अपनी बीवी को तलाक दे दिया और अपनी उम्र से 33 साल छोटी लड़की के साथ निकाह कर लिया।
हालांकि फिल्म बनाने वाले फारुकी ने अपनी फिल्म को बायोपिक मानने से मना कर दिया और इसका खंडन कर दिया कि उनकी फिल्म का हुमायूं अहमद से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन वहां की सरकार ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं और फिल्म को बैन कर दिया।
दिलचस्प बात ये है कि फिल्म को वहां के सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिल गई और सेंसर ने कोई आपत्ति नहीं की। फिल्म के शुरु में इस बात का डिसक्लेमर भी लगा दिया गया है कि ये एक काल्पनिक कहानी है, जिसका किसी जीवित व्यक्ति से कोई कनेक्शन नहीं है।
इसके बाद भी सरकार की ओर से बैन की घोषणा कर दी गई। इस घोषणा से फिल्म के निर्देशक फारुकी निराश हैं और कहते हैं कि सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। उनको अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है।
इरफान भी इस फैसले से हैरान और आहत हैं। उनका कहना है कि ये फिल्म एक इंसानी जज्बे की कहानी है, जिसका किसी की जिंदगी से कोई कनेक्शन नहीं है। फारुकी अब मामले को वहां की अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं।